किसानों को खुश करने में लगे मोदी सरकार, पराली जलाना नहीं होगा अपराध

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर(Wikimedia Commons)
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर(Wikimedia Commons)
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उत्तर प्रदेश और पंजाब सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव(Assembly elections2022)अब ज्यादा दूर नहीं है। जिसको देखते हुए सभी राजनैतिक दल अपनी तैयारियों में लग चुके हैं। तो वहीं केंद्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी(BJP) पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दिखते नुकसान के कारण पहले तीन कृषि कानून रद्द कर दिए गए हैं। इसके अलावा एक और फैसला हुआ है जो कि किसानों पर खासा प्रभाव डाल सकता है।

दरासल, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर(Narendra Singh Tomar) ने शनिवार को जानकारी दी कि अब किसानों द्वारा पराली जलाना अब अपराध नहीं माना जाएगा। इसके अलावा कृषि मंत्री तोमर ने किसानों से एक बार फिर घर जाने की अपील की, इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Modi) भी कृषि कानून वापसी के दौरान किसानों से अपील कर चुके हैं। अगर इन सभी चीजों का राजनैतिक मायने निकाले तो मतलब साफ है कि बीजेपी(BJP) उत्तर प्रदेश में सरकार वापसी करने के लिए पूरी जी जान से जुटी है उसके लिए चाहे कुछ भी करना पड़े।

दरअसल, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(National Green Tribunal) ने दस दिसंबर 2015 को फसल अवशेषों पर जलाने का प्रतिबंध लगा दिया था। वहीं पराली जलाने पर कानूनी तौर पर कार्रवाई भी की जाती थी। अभी तक पराली जलाते पकड़े जाने पर दो एकड़ भूमि तक 2,500 रुपये, दो से पांच एकड़ भूमि तक 5,000 रुपये और पांच एकड़ से ज्यादा भूमि पर 15,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता था।

हालांकि एक तरफ सरकार(Modi Government) किसानों की मांगे मान रही है तो वहीं किसान भी अब रणनीति को लेकर नर्मी दिखाने लगे हैं, यहीं कारण है कि किसानों ने अपना संसद कूच स्थगित करना पड़ा जिसकी फैसला संयुक्त किसान मोर्चा(SKM) की शनिवार को हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में लिया गया जिसमें 29 नवंबर को संसद कूच को स्थगित करने की जानकारी दी गई। इसके अलावा किसानों ने साफ कर दिया है कि, वह प्रधानमंत्री(PM Modi) को भेजे गए पत्र के जवाब का इंतजार करेंगे। इसके बाद 4 दिसंबर को अगली बैठक कर आगे की रूप रेखा तय करेंगे।

बैठक खत्म होने के बाद एसकेएम(SKM) ने कहा कि, लोकतंत्र में यह चुनी हुई सरकार का कर्तव्य है कि वह विरोध करने वाले किसानों से परामर्श करे और विवादों को सौहार्दपूर्ण तरीके से हल करे। तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के बारे में प्रधानमंत्री की घोषणा और कैबिनेट की मंजूरी के बाद मोर्चा ने संसद के लिए ट्रैक्टर मार्च को फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया गया है।

input : आईएएनएस ; Edited by Lakshya Gupta

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