क्रिकेट एक ऐसा खेल है जो विभिन्न धर्म और संस्कृतियों से जुड़े लोगों को एकजुट करता है। भारत देश में क्रिकेट मात्र एक खेल नहीं बल्कि लोगों के लिए उनका पागलपन है। और यही वजह है ही भारत के हजारों युवाओं के अंदर इस खेल से जुड़ी प्रतिभाएँ प्रचुर मात्रा में भरी है।
उन्ही युवाओं में से एक नाम मोक्ष मुरगई का भी है। दिल्ली के मूल निवासी मोक्ष मुरगई, 20 साल के युवा है और पेशेवर क्रिकेट खिलाड़ी भी जिन्होंने राज्य स्तर आर कई शृंखलाओं में अच्छा प्रदर्शन कर कई स्कोर खड़े किए है। राज्य के अलावा उन्होने अंडर -14, अंडर -16 और अंडर -19 सीनियर की मैचों में राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रदर्शन कर अपनी भूमिका निभाई है। मोक्ष बल्लेबाज होने के साथ-साथ एक ऑफ स्पिनर गेंदबाज़ भी हैं।
मोक्ष बताते हैं की महेंद्र सिंह धोनी को छक्के लगाता देख उन्होने 7 साल की उम्र में ही क्रिकेटर बनने की ठान ली थी। और उस समय से ही उन्होने इसके लिए मेहनत करनी शुरू कर दी थी।
उन्होंने अपनी शिक्षा DLDAV स्कूल, पीतमपुरा से पूरी की है और अब दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे हैं। केवल 13 वर्षों की यात्रा में ही उन्होंने अपने खेल से बहुत कुछ हासिल किया है। आपको बता दें की, स्थानीय दिल्ली टूर्नामेंट में मोक्ष अब तक 50 से अधिक अर्धशतक और 30 से अधिक शतक बना चुके है। मोक्ष ने जोनल और इंटर जोनल(जिला) स्तर पर भी खेल रखा है।
मोक्ष को अभी हाल ही में 2019-2020 के लिए DUSU के खेल अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था और उसके साथ साथ उनके क्रिकेट टीम का कप्तान भी बनाया गया था। इसके अलावा 2018-19 के डीडीसीए लीग में भी उन्होने 850+ रन बनाने के साथ 20 विकेट भी लिए थे। टूर्नामेंट के पिछले सीज़न में ही मोक्ष ने 1200 से अधिक रन अपने नाम दर्ज कराए थे।
2018 में इस जवान क्रिकेटर ने लखनऊ के एक टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया था, इसके साथ ही रेलवे रणजी ट्रॉफी और अंडर 23 में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं। मोक्ष ने अपने खेल के प्रति जो कड़ी मेहनत और इच्छाशक्ति दिखाई है, वह सम्मानजनक है। प्रत्येक बीतते दिन वह क्रिकेट की दुनिया तेज़ी से अपना नाम कमा रहे हैं। क्रिकेट एक ऐसा क्षेत्र है जिसमे कॉमपीटीसन बहुत ज़्यादा है लेकिन फिर भी वह लगातार खुद को साबित कर रहे है। अभी हाल ही में उन्होंने 2019-2020 के लिए SH Sports का स्पॉन्सरशिप भी प्राप्त किया है।
मोक्ष अपने खेल को मजबूत बनाने के लिए रोज़ाना लगभग 4-5 घंटे मेहनत करते हैं। मौसम चाहे ठंडा हो या गर्म, वे झुकना नहीं जानते। मोक्ष कड़े डाइट प्लान का पालन करते हैं जो उनकी योग्यता को और ज़्यादा बढ़ाता है। पीठ की चोट के बावजूद, उनका लगातार परिश्रम कभी भी उन्हें अपने लक्ष्य को छोड़ने की अनुमति नहीं देता है, उलटा वो और लगन से मेहनत करते हैं। मोक्ष, परिवार और अपने कोच को धन्यवाद देते हैं जिन्होंने उनके 13 साल की यात्रा के दौरान आने वाले उतार चड़ाव में उनका सहयोग किया है। उनका मानना है की क्रिकेट ने उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बना दिया है।
मोक्ष बताते हैं की उनके जीवन का एक ही मंत्र है, "करना है तो जुनून के साथ करना है वरना नहीं करना है।"