मौत से पहले मानसिक तनाव में थे नरेंद्र गिरी- सीबीआई

सीबीआई ने अपनी जांच में पाया है की महंत नरेंद्र गिरी मानसिक तनाव से गुज़र रहे थे। (Wikimedia Commons)
सीबीआई ने अपनी जांच में पाया है की महंत नरेंद्र गिरी मानसिक तनाव से गुज़र रहे थे। (Wikimedia Commons)

उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) के प्रयागराज में पिछले दिनों बाघम्बरी मठ(Baghambari Math) के महंत नरेंद्र गिरी(Narendra Giri) ने फांसी लगाकर जान दे दी थी। तब से अब तक उनकी मौत एक रहस्य बनी हुई है। अब सीबीआई ने अपनी जांच में पाया है की महंत नरेंद्र गिरी मानसिक तनाव से गुज़र रहे थे।

मामले में गिरफ़्तार तीनों आरोपियों ने उन्हें बदनाम करने और अत्यधिक मानसिक और मनोवैज्ञानिक आघात पहुंचाने के लिए एकआपत्तिजनक ऑडियो प्रसारित किया था जिसके कारण उन्होंने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी।

सीबीआई(CBI) द्वारा दायर 19 पन्नो के आरोपपत्र में यह कहा गया है मामले के तीनो आरोपी आनंद गिरि(Anand Giri), आद्या तिवारी और संदीप तिवारी उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने के दोषी हैं।

सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कहा है मामले के तीनो आरोपियों ने महंत को आत्महत्या के लिए उकसाया। (Wikimedia Commons)

महंत द्वारा अपनी मौत से पहले रिकॉर्ड किये गए वीडियो को सीबीआई ने साबुत के तौर पर माना है और महंत द्वारा लिखे गए 7 पन्नो के सूइसाइड नोट की फॉरेंसिक रिपोर्ट अभी आनी बाकी है।

चार्जशीट में आगे कहा गया है कि 26 मई को लखनऊ में आनंद और महंत के बीच समझौता हुआ था, लेकिन बात नहीं बनी।

महंत नरेंद्र गिरि 2004 में बाघंबरी मठ के प्रमुख बने और आनंद 2005 में उनके शिष्य बने। उनके बीच मतभेद तब पैदा हुए जब आनंद ने 'गंगा सेना' बनाई और महंत की अनुमति के बिना एक शिविर आयोजिन किया।

महंत ने 7 जनवरी 2010 को अपने उत्तराधिकारी के रूप में स्वामी बलबीर गिरि को नामित किया लेकिन 29 अगस्त 2011 को आनंद को एक नई वसीयत में नामित किया गया।

महंत ने 4 जून, 2020 को फिर से अपनी वसीयत बदल दी, बलबीर को अपना उत्तराधिकारी नामित किया और कहा कि आनंद ने विदेशों का दौरा करना शुरू कर दिया है और एक अलग यूनिट बना ली है। महंत ने अपनी वसीयत में कहा था कि आनंद 'धार्मिक विरोधी' गतिविधियों में शामिल था।

सीबीआई जांच में कहा गया है कि आनंद ने निरंजनी अखाड़े के महंत रवींद्र पुरी से वार्ताकार की भूमिका निभाने और उनका निष्कासन रद्द करने का अनुरोध किया। रवींद्र ने महंत को 23 मई को फोन किया जिसे आनंद ने रिकॉर्ड कर लिया। इस बातचीत के दौरान आनंद ने महंत को धमकी देते हुए कहा कि उनके पास कई आपत्तिजनक ऑडियो और वीडियो हैं।

नरेंद्र गिरि ने 11 सितंबर को अपने शिष्यों से 'सल्फास' और शरीर पर इसके प्रभाव के बारे में पूछा और 19 सितंबर को उन्होंने एक अन्य शिष्य को नायलॉन की रस्सी लाने के लिए कहा था।

सीबीआई की चार्जशीट में उल्लेख किया गया है कि महंत को अतिथि कक्ष के अंदर नायलॉन की रस्सी ले जाते हुए देखा गया था और अगले दिन उन्होंने अपने शिष्यों से कहा कि आनंद उनकी एक महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति मेंवीडियो जारी करने वाला हैं।

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सीबीआई ने उल्लेख किया है कि महंत के फोन में मिले वीडियो से पता चला है कि वह साजिश के कारण गंभीर आघात में थे।

Input-IANS ; Edited By- Saksham Nagar

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