स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा के लिए नई गाइडलाइंस: शिक्षा मंत्रालय

स्कूलों में पढ़ाई के साथ साथ छात्रों को शारीरिक, सामाजिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक सुरक्षा देना आवश्यक होगा। (Pixabay)
स्कूलों में पढ़ाई के साथ साथ छात्रों को शारीरिक, सामाजिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक सुरक्षा देना आवश्यक होगा। (Pixabay)

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा के लिए एक नीति तैयार की है। केंद्र की इस पहल में देश के सभी राज्य, केंद्र शासित प्रदेश, सीबीएसई बोर्ड और अन्य राज्य शिक्षा बोर्ड भी इस नीति का हिस्सा होंगे। यह नीति छात्रों को किसी भी उत्पीड़न, शारीरिक चोट और मानसिक रूप से सुरक्षित रखने के लिए है।

स्कूल प्रशासन को कैंपस में सुरक्षित बुनियादी ढांचे की स्थापना सुनिश्चित करनी होगी। अपने कैंपस में छात्रों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए स्कूल को कई आवश्यक बिंदुओं पर जोर देना होगा। स्कूल कैंपस में उपलब्ध कराए जाने वाले भोजन और पानी के स्तर में लापरवाही नहीं होनी चाहिए। छात्रों को चिकित्सा सहायता प्रदान करने में देर होने पर इसकी जवाबदेही स्कूल की होगी।

यदि छात्रों द्वारा उत्पीड़न या अन्य किसी समस्या के निवारण में लापरवाही की जाती है तो इसकी जिम्मेदारी भी विद्यालय प्रशासन की होगी। परिसर में भेदभावपूर्ण कार्रवाई, नशीली दवाओं के प्रयोग को रोकना स्कूल की जिम्मेदारी है। स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि इनमें से किसी भी विषय पर स्कूल प्रशासन की ओर से कोई लापरवाही न हो, अगर ऐसा होता है तो नए दिशा-निर्देशों के तहत स्कूल की मान्यता रद्द की जा सकती है।

नई गाइडलाइन के मुताबिक स्कूल में छात्रों की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन और प्राचार्य की होगी। (pixabay)

माता-पिता से अपेक्षा की जाती है कि वे दिशानिर्देशों का पालन करें। नई गाइडलाइन के मुताबिक स्कूल में छात्रों की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन और प्राचार्य की होगी। शिक्षा विभाग दिशा-निर्देशों के अनुपालन की जांच करेगा। शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, स्कूलों को इन दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए समर्थन, प्रसार, ट्रैक और प्रोत्साहित करना होगा। शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि नियमों का पालन नहीं करने वाले या इन नियमों में लापरवाही बरतने वाले स्कूलों पर जुर्माना लगाया जा सकता है. चूंकि अधिक गंभीरता की स्थिति में स्कूलों की मान्यता रद्द भी की जा सकती है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त (स्कूल शिक्षा) सचिव संतोष कुमार ने सभी प्रदेश के स्कूलों से देश की इस नई स्कूल सेफ्टी एवं सिक्योरिटी गाइडलाइन से अवगत कराया है। वहीं स्कूली शिक्षा में अहम भूमिका निभाने वाले सीबीएसई बोर्ड और विभिन्न राज्यों के शिक्षा बोर्डों को भी नई स्कूल सुरक्षा और सुरक्षा गाइडलाइन भेजी गई है। दरअसल नई शिक्षा नीति के तहत यह गाइडलाइन स्कूलों में छात्रों को शारीरिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक सुरक्षा प्रदान करेगी।

तय की गई इन गाइडलाइंस का पालन देश के सभी सरकारी एवं प्राइवेट स्कूलों द्वारा किया जाएगा। सरकारी व निजी स्कूलों को पढ़ाई के साथ साथ छात्रों को शारीरिक, सामाजिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक सुरक्षा देना आवश्यक होगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि जब तक बच्चा स्कूल में होगा सुरक्षा की जिम्मेदारी स्कूल की होगी। ऐसे में यदि यह पाया जाता है कि जानबूझकर किसी छात्र को अनावश्यक मानसिक, शारीरिक पीड़ा दी गई है तो यह इसे छात्र की सुरक्षा के प्रति गंभीर चूक माना जाएगा।

यह गाइडलाइन गुरुग्राम के निजी स्कूल में 4 साल पहले हुई एक छात्र की मृत्यु की घटना को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। छात्र के पिता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइन तैयार करने का सुझाव दिया था। नियमों का पालन न करने वाले स्कूलों के खिलाफ स्थानीय शिक्षा अधिकारी से शिकायत की जा सकती है। संतोषजनक कार्रवाई ना होने की स्थिति में जिला शिक्षा अधिकारी और डीसी मामले की जांच करेंगे।

Input: IANS; Edited By: Tanu Chauhan

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