एटा जिले के गांव में ग्राम पंचायत की अंतरिम प्रमुख के तौर पर 65 वर्षीय पाकिस्तानी महिला के काम करने को लेकर जांच का आदेश दिया गया है। यह जांच यह जानने के लिए है कि लंबी अवधि के वीजा पर रहने के दौरान उसे आधार, वोटर आईडी और अन्य दस्तावेज कैसे मिले।
इसके अलावा महिला के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की गई है। खबरों के मुताबिक पाकिस्तान के कराची की रहने वाली बानो बेगम 35 साल पहले एटा में अपने रिश्तेदार के घर भारत आई थीं। बाद में उसने एक भारतीय व्यक्ति अख्तर अली से शादी कर ली। तब ही से वह लंबी अवधि वाले वीजे पर एटा में रह रही थी। वह कई बार भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन भी कर चुकी है।
2015 के स्थानीय निकाय चुनावों में बानो गुआदौ ग्राम पंचायत के सदस्य के रूप में निर्वाचित हुई। इसके 5 साल बाद पिछले साल 9 जनवरी को ग्राम प्रधान शहनाज बेगम का निधन हो गया तो बानो ने ग्राम समिति की सिफारिश पर अंतरिम प्रधान के रूप में पद संभाल लिया।
बानो बेगम 2015 से है ग्राम प्रधान। (सांकेतिक चित्र ,Pixabay)
मामला तब सामने आया, जब एक ग्रामीण क्वाईदन खान ने बानो के पाकिस्तानी नागरिक होने की शिकायत दर्ज कराई। हालांकि बानो ने पद से इस्तीफा दे दिया है लेकिन जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) आलोक प्रियदर्शी ने इस मामले को एटा के जिलाधिकारी सुखलाल भारती के सामने लाया। उन्होंने एफआईआर दर्ज करने और जांच करने का आदेश दिया।
आलोक प्रियदर्शी ने कहा, "बानो बेगम के खिलाफ मिली शिकायत के आधार पर जांच में पाया गया कि वह पाकिस्तान की नागरिक हैं। उन्हें पास फर्जी तरीकों से उनके नाम से बना आधार कार्ड और वोटर आईडी मिला है।"
उन्होंने कहा कि बानो को ग्राम समिति के प्रमुख के रूप में नियुक्त करने और उन्हें अंतरिम प्रधान नियुक्त करने की सिफारिश ग्राम सचिव ध्यानपाल सिंह ने की थी। उन्हें पद से हटा दिया गया है।
जिला मजिस्ट्रेट भारती ने कहा, "यह जांच करने के लिए आदेश जारी किए गए हैं कि उसने ग्राम पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने के लिए आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज कैसे प्राप्त किए। उनकी मदद करने वाले दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"(आईएएनएस)