‘पंचकोल’ के पेड़ लगेंगे गंगा नदी के तट पर

गंगा नदी प्रयागराज उत्तर प्रदेश(Pixabay)
गंगा नदी प्रयागराज उत्तर प्रदेश(Pixabay)
Published on
2 min read

प्रयागराज में गंगा नदी की परिधि के पांच किलोमीटर के दायरे में अब वन भूमि के रूप में विकसित किया जाएगा। ग्रामीणों को पर्यावरण की रक्षा की आवश्यकता के बारे में जागरूक किया जाएगा और इस क्षेत्र में सघन वृक्षारोपण अभियान चलाया जाएगा।

पंचकोल के पौधे – पीपल, पक्कड़, बरगद, बेल और बबुल सहित पांच प्रकार के पेड़ लगाए जाएंगे और यह अभियान जिले के ट्रांस-गंगा और ट्रांस-यमुना दोनों क्षेत्रों के ग्रामीण इलाकों में चलाया जाएगा।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ा संगठन गंगा समग्र इस अभियान में अहम भूमिका निभाएगा।

गंगा समग्र काशी प्रांत के सह-संयोजक राकेश मिश्रा ने कहा, "पंचकोल यानी बरगद, पीपल, पकड़, बेल और देसी बबूल के पेड़ों में औषधीय गुण होते हैं क्योंकि ये बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन को बाहर निकालने में सक्षम होते हैं। ये पेड़ हमारी सनातन परंपराओं और ग्रंथों में भी एक विशेष स्थान रखते हैं। इसलिए, हमने गंगा के 5 किमी के दायरे में और गांवों के तालाबों में भी इन पेड़ों के पौधे लगाने का फैसला किया है।"

पेंड़ सांकेतिक (wikimedia commans)

उन्होंने कहा, "पौधों की रक्षा के लिए, क्षेत्र के निवासियों से ट्री गार्ड खरीदे जा रहे हैं। व्यक्तियों को लगाए गए पौधों की देखभाल की जिम्मेदारी दी गई है। भावनात्मक जुड़ाव स्थापित करने के लिए प्रत्येक पौधे का नाम व्यक्ति या उनके परिवार के किसी बड़े के नाम पर रखा गया है।"

उन्होंने आगे कहा, "कई जगहों पर पौधे लगाने की इस परंपरा को एक पवित्र आयोजन माना जाता है और स्थानीय लोग इसमें काफी रुचि ले रहे हैं।"

गंगा समग्र के स्वयंसेवक भी पौधरोपण अभियान के साथ तालाबों को पुनर्जीवित करने में लगे हैं। जिला समन्वयक राम शिरोमणि मिश्रा ने बताया कि संस्था द्वारा विशेष रूप से तालाबों के आसपास पौधरोपण का अभियान चलाया जा रहा है। इससे वर्षा जल संचयन में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा, "कुछ जगहों पर काम शुरू हो चुका है। इन सभी जगहों पर पंचकोल के पौधे लगाने के साथ ही तालाबों को गहरा किया जा रहा है।" (आईएएनएस-PS)

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com