वैज्ञानिकों ने एक शोध में पाया है कि बिना वैक्सीन(Vaccine) वाले लोगों की तुलना में वैक्सीन लगवा चुके लोगों को ओमिक्रॉन(Omicron) लहर के दौरान स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं का अधिक सामना नहीं करना पड़ा और इन लोगों को गहन चिकित्सा सुविधा की जरूरत भी कम देखी गई थी।
सीडर-सिनाई मेडिकल सेंटर और सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) द्वारा किए गए अध्ययन से पता चला है कि ओमिक्रॉन लहर में अस्पताल में भर्ती होने के दौरान कम रोगियों 4 प्रतिशत की मृत्यु हुई, जबकि डेल्टा लहर में भर्ती होने वालों रोगियों में 8.3 प्रतिशत की मौत हुई थी।
डेल्टा लहर में भर्ती होने वालों रोगियों में 8.3 प्रतिशत की मौत हुई थी। (Wikimedia Commons)
अमेरिका में सीडर-सिनाई मेडिकल सेंटर के शोधकर्ता मैथ्यू मोड्स ने कहा कुल मिलाकर,वैक्सीन लगे मरीजों को ओमिक्रॉन लहर में गहन देखभाल इकाई (आईसीयू) में भर्ती होने की कम आवश्कता पड़ी थी और डेल्टा संक्रमण की तुलना में याांत्रिक वेंटिलेशन की आवश्यकता भी कम देखी गई थी।
सीडीसी की रुग्णता और मृत्यु दर साप्ताहिक रिपोर्ट में प्रकाशित एक अस्पताल अध्ययन में, टीम ने जुलाई से सितंबर 2021 तक लॉस एंजिल्स में सीडर-सिनाई में डेल्टा संक्रमण के दौरान अस्पताल में भर्ती 339 रोगियों की स्वास्थ्य संबंधी रिपोर्टों की जांच की।
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टीम ने उस समूह की तुलना दिसंबर 2021-जनवरी 2022 के दौरान ओमिक्रॉन लहर में भर्ती 737 रोगियों के साथ की। विश्लेषण से पता चला है कि ओमिक्रॉन के दौरान अस्पताल में भर्ती मरीजों मे अधिकतर को टीका लग चुका था और इसी वजह से उनमें कोविड संबंधी स्वास्थ्य जटिलताएं कम पाई गई थी।
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इसके विपरीत इससे पहले साल में डेल्टा वेरिएंट संक्रमण के दौरान लोगों को उतनी संख्या में टीके नहीं लगे थे और इसी वजह से उन्हें स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का अधिक सामना करना पड़ा था।
Input-IANS; Edited By-Saksham Nagar