मध्य प्रदेश में लाउडस्पीकर पर घमासान तेज़

मध्यप्रदेश में लाउडस्पीकर पर सियासी दांव पेंच शुरू
मध्यप्रदेश में लाउडस्पीकर पर सियासी दांव पेंच शुरू
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उत्तर प्रदेश में लाउडस्पीकर (Loudspeaker) के उपयोग पर लगी बंदिशों के बाद मध्यप्रदेश में लाउडस्पीकर पर सियासी दांव पेंच शुरू हो गए हैं। लाउडस्पीकर के शोर के समर्थन में तो कोई नहीं है, मगर शोर पर बंदिश को लेकर सब का अंदाज़ अलग-अलग है क्योंकि इसमें भी सियासी दलों के लोगों को सियासी नफ़ा-नुकसान दिख रहा है। राज्य में बीते कुछ दिनों में कई इलाकों में सांप्रदायिक तनाव के हालात बने हैं और इस बीच लाउडस्पीकर पर भी बहस तेज़ हो चली है। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) और बजरंग दल के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष जय भान सिंह पवैया खुले तौर पर उत्तर प्रदेश की तर्ज पर लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर चुके हैं।

सांसदगणों के साथ प्रज्ञा ठाकुर [Twitter]
सांसदगणों के साथ प्रज्ञा ठाकुर [Twitter]

वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा का मानना है कि लाउडस्पीकर जैसे विषय पर आपसी सहमति से निर्णय होना चाहिए। हर बात के लिए कानून बनाना जरूरी तो नहीं है। कुछ काम आपसी सहमति और समझ से भी किए जा सकते हैं। समाज की आवश्यकता क्या है और क्या नहीं है इस पर विचार होना चाहिए।

भाजपा नेताओं ने परोक्ष और अपरोक्ष रूप से सीधे तौर पर लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध की बात की तो वही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई और विधायक लक्ष्मण सिंह भी प्रतिबंध के पक्ष में हैं। उनका कहना है लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाना अच्छा निर्णय होगा, दंगे भी नहीं होंगे, जनता को राहत मिलेगी, न तो राम बहरे हैं और न ही अल्लाह। जो शक्तियां दुनिया को पालती हैं उन्हें कुछ मूर्ख क्या सुनाएंगे और सिखाएंगे।

राज्य में लाउडस्पीकर के शोर पर सियासी दांवपेच जारी है मगर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही तरफ से लाउडस्पीकर के श़ोर के खिलाफ आवाज़ बुलंद है।

आईएएनएस (PS)

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