प्रसार भारती ने समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) से रिश्ता खत्म कर दिया है। प्रसार भारती अब अन्य घरेलू समाचार एजेंसियों से नए प्रस्ताव आमंत्रित करेगा। देश की सबसे बड़ी समाचार एजेंसी पीटीआई, एक बोर्ड द्वारा चलायी जाती है जिसमें प्रमुख अखबार समूहों के मालिक शामिल होते हैं और यह एक नॉन प्रॉफिट ट्रस्ट है।
प्रसार भारती का ये फैसला पीटीआई के भारत-चीन संघर्ष पर कवरेज को अनुचित पाए जाने के चार महीने बाद आया है।
सूत्रों ने कहा कि प्रसार भारती पीटीआई के सबसे बड़े ग्राहकों में से एक है, और यह पीटीआई को 6.75 करोड़ रुपये सालाना भुगतान करता है।
इस बारे में पीटीआई और यूएनआई दोनों को पत्र भेजा गया है।
सूत्रों ने कहा कि प्रसार भारती पीटीआई और यूएनआई सहित सभी समाचार एजेंसियों से नए प्रस्तावों को आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू करेगा।
इस साल जून में समाचार एजेंसी द्वारा कथित राष्ट्र-विरोधी रिपोर्ट पर अपने संबंध को समाप्त करने की धमकी देते हुए प्रसार भारती ने एक पत्र भेजा था।
पीटीआई ने चीनी राजदूत सून विडोंग के साथ एक साक्षात्कार किया था, जिसमें उन्होंने भारत-चीन हिंसक गतिरोध के लिए भारत को दोषी ठहराया था, जिसमें 20 भारतीय बहादुर शहीद हो गए थे।
सूत्रों ने कहा कि जून में बोर्ड की बैठक से ठीक पहले पीटीआई को एक पत्र भेजा गया था, जहां प्रसार भारती ने पीटीआई द्वारा राष्ट्र विरोधी रिपोर्टिंग पर गहरी नाराजगी व्यक्त की थी। प्रसार भारती ने यह सूचित किया था कि पीटीआई का संपादकीय रुख ठीक नहीं है।
सरकारी सूत्रों का दावा है कि प्रसार भारती पीटीआई को काफी पैसा दे रहा था जो अक्सर कई करोड़ में था।(आईएएनएस)