20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री करेंगे कुशीनगर एयरपोर्ट का लोकार्पण, मिलेगी नई सांस्कृतिक उड़ान

कुशीनगर एयरपोर्ट से खुलेंगे रोजगार के द्वार(Wikimedia commons)
कुशीनगर एयरपोर्ट से खुलेंगे रोजगार के द्वार(Wikimedia commons)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 20 अक्टूबर बुधवार को कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का लोकार्पण करेगें जो वैश्विक सांस्कृतिक संबंधों की मजबूती में मील का पत्थर साबित होगा। विश्व के कोने- कोने में बसे बौद्ध धर्म के अनुयायियों को तथागत गौतम बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली के दर्शन की साध पूरी करने की सुगमता होगी। वहीं पूर्वांचल के विकास की ऊंची उड़ान को पंख भी लगेंगे। ऐतिहासिक व धार्मिक- सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के बावजूद उपेक्षा और पिछड़ेपन का दंश झेल रहे कुशीनगर व आसपास के क्षेत्रों की सर्वांगीण उत्थान की राह भी आसान होगी।

कुशीनगर में एयरपोर्ट की सुगमता से अंतरराष्ट्रीय पर्यट पूर्वांचल की विकासन के अलावा स्थानीय स्तर पर निवेश करने की गति बढ़ेगी तो जाहिर है क्षेत्र का चहुंमुखी विकास होगा। अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवा से पूर्वांचल में पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी। होटल, रेस्टोरेंट, ट्रैवेल एजेंसी, गाइड और हैंडीक्राफ्ट जैसे माध्यमों से हजारों लोग रोजगार पा सकेंगे। आंकड़े बताते हैं कि गत पांच वर्षों में 18 प्रमुख बौद्ध देशों से 42.17 लाख पर्यटक कुशीनगर आए, अब सीधे वायु यातायात सुविधा मिलने से पर्यटकों की संख्या में औसतन 20 प्रतिशत बढ़ोतरी का अनुमान है।

माना जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा निवेश के बड़े प्लेटफार्म के रुप में उभरेगा क्योंकि बौद्ध देशों से आने वाले पर्यटकों के अलावा बड़े उद्यमियों व व्यापारियों को नये उद्योग धंधे स्थापित करने में मदद मिलेगी। पूर्वी उत्तर प्रदेश पर्याप्त श्रम शक्ति वाला क्षेत्र है। योगी सरकार की पारदर्शी निवेश नीति और सुरक्षा गारंटी उद्यमियों को इस अंचल में निवेश करने के लिए भी प्रोत्साहित करेगी। खासकर टेराकोटा शिल्प की मूर्तियों, काला नमक चावल व केला फाइबर से बने उत्पादों का वैश्विक बाजार विस्तारित होगा।

आपको अगर कुशीनगर एयरपोर्ट के बारे में बताएं तो कुशीनगर एयरपोर्ट प्रदेश का सबसे लंबा रनवे वाला (3.2 किमी लंबा व 45 मीटर चैड़ा) एयरपोर्ट है। इसके रनवे की क्षमता 8 फ्लाइट (4 आगमन, 4 प्रस्थान) प्रति घंटा है। एयरपोर्ट पर ऐसी व्यवस्था भी होगी कि यहां रात में भी उड़ान संभव रहे। यहां अंतरिम पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग 3600 वर्गमीटर में बना है। इस ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए 5 मार्च 2019 को उत्तर प्रदेश सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के बीच एमओयू हस्ताक्षरित हुआ था। गत 10 अक्टूबर 2019 को प्रदेश सरकार ने इस एयरपोर्ट को एयरपोर्ट अथॉरिटी को हैंडओवर किया। योगी सरकार की पहल पर 24 जून 2020 को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट घोषित किया गया। गत 22 फरवरी 2021 को डीजीसीए ने लाइसेंस प्रदान किया। आपको बता दें , कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से श्रीलंका, जापान, चीन, ताइवान, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, सिंगापुर, वियतनाम समेत दर्जनों दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के लिए सीधे हवाई उड़ान हो सकेंगी। इससे पर्यटकों के साथ विदेशों में काम करने वाले लाखों प्रवासियों को भी आसानी होगी। अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवा से बौद्ध सर्किट के चार प्रमुख तीर्थों लुम्बिनी, बोधगया, सारनाथ, कुशीनगर व अन्य तीर्थों श्रावस्ती, कौशाम्बी, संकिशा, राजगीर, वैशाली की यात्रा पर्यटक कम समय में कर सकेंगे।

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कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की प्रशंसा करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने कहा कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से समूचे पूर्वांचल की तस्वीर बदल जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निरंतर प्रयासों से ही दशकों से लंबित यह ऐतिहासिक कार्य पूरा हो सका है। इससे वैश्विक संबन्ध तो मजबूत होंगे साथ ही युवाओं को और ज्यादा रोजगार मिलेगा। यह सचमुच में पूर्वांचल के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

Input: आईएएनएस; Edited By: Lakshya Gupta

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