भारत में ग्रामीण जलापूर्ति का आदर्श मॉडल बनेगा यूपी का पूर्वांचल

बीतें दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुंदेलखंड में "हर घर नल योजना" का शुभारम्भ किया था। (Wikimedia Commons)
बीतें दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुंदेलखंड में "हर घर नल योजना" का शुभारम्भ किया था। (Wikimedia Commons)

उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) के बुंदेलखंड(Bundelkhand) और विंध्य क्षेत्र के बाद अब पूर्वांचल(Purvanchal) में भी "हर घर नल योजना"("Har Ghar Nal Yojna")रफ़्तार पकड़ रही है। सूबे की योगी सरकार वाराणसी के ग्रामीण जलापूर्ति को विकास मॉडल के रूप में पेश करेगी। आज़ादी के बाद पहली बार ग्रामीण क्षेत्र में जलापूर्ति की यह व्यवस्था बहुत ख़ास होगी। यह व्यवस्था पूरी तरीके से सौर ऊर्जा पर आधारित होगी। वाटर सप्लाई के लिए सेंसर आधारित आटोमेटिक सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा।

उत्तर भारत के इतिहास में पहली बार ग्रामीण इलाकों में इतने बड़े स्तर पर सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करके जलापूर्ति की जाएगी। इस योजना के तहत गाँवों में नल से शुद्ध जल पहुंचने के लिए बिजली का इस्तेमाल ना के बराबर किया जाएगा। इसके साथ नल के साथ सेंसर लगाए जाएंगे ताकि पानी की टंकी भर जाने के बाद पानी की सप्लाई अपने आप बंद हो जाए और पानी की बर्बादी न हो।

नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने बताया की बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में योजना को लेकर काफी तेज़ी से काम किया जा रहा है। बस चंद दिनों में हम इन इलाकों में पानी की सप्लाई शुरू करने की स्थिति में होंगे। दूसरे चरण में प्रदेश के 66 जिलों में "हर घर नल योजना" का काम शुरू कर दिया गया है। वाराणसी(Varanasi) में काफी तेज गति से काम चल रहा है। कई इलाकों में पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू हो गया है। सरकार के स्तर से निरंतर योजना की प्रगति की निगरानी की जा रही है।

बुंदेलखंड के साथ-साथ यूपी के वाराणसी में भी इस योजना को लेकर काम तेज़ी से हो रहा है। (Wikimedia Commons)

प्रदेश सरकार की हर घर नल योजना वाराणसी के उन ग्रामीण इलाकों के लिए खास तौर से वरदान साबित होने जा रही है जहां पानी के लिए मशक्कत करनी पड़ती थी। योजना की रफ्तार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 69 गांवों के 20248 घरों तक पाइप लाइनों को बिछाने का काम लगभग पूरा कर लिया गया है। बहुत जल्द इन परिवारों को नल से शुद्ध पेयजल भी मिलना शुरू हो जाएगा। वहीं 2022 तक 1296 गांवों के 348505 परिवारों तक नल से शुद्ध जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

इतना ही नहीं, वाराणसी के 125 गांवों में पूर्व से निर्मित योजनाएं रेट्रोफिटिंग के माध्यम से चालू कर दी गई हैं। इसके जरिये 22079 घरों को शुद्ध पेजयल पहुंचाया जा रहा है।

Input-IANS ; Edited By- Saksham Nagar

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