पर्यावरण संरक्षण पर रेलवे के बढ़ते कदम

भारतीय रेलवे (Wikimedia Commons)
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पूर्व मध्य रेल ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों के बाद इसके अनुपालन में उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है। इको स्मार्ट स्टेशन के रूप में विकसित करने के लिए पूर्व मध्य रेल के 52 चिन्हित स्टेशनों पर रेलवे बोर्ड द्वारा सुझाए गए 24 इंडिकेटर (पैरामीटर) लागू किए हैं। सभी 52 स्टेशनों ने पर्यावरण प्रबंधन के लिए एक प्रमाणन आईएसओ-14001:2015 प्राप्त किया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा निर्धारित पूर्व मध्य रेल के 52 नामांकित स्टेशनों में से 45 का संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोडरें के लिए सहमति-से-स्थापित (सीटीई) प्रस्तावों की ऑनलाइन प्रस्तुतियां सुनिश्चित कीं।

पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेष कुमार ने बताया कि पूर्व मध्य रेल के सभी 45 स्टेशनों के लिए स्थापना की सहमति के लिए एनओसी प्राप्त कर ली गई है और 32 स्टेशनों को कंसेंट-टू-ऑपरेट (सीटीओ) दी गई है। उन्होंने बताया कि इस प्रमाणीकरण ने पूर्व मध्य रेलवे को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोडरें द्वारा निर्धारित पानी, वायु प्रदूषण नियंत्रण और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन मानदंडों की आवश्यकता को सुव्यवस्थित करने में मदद की है।

कुमार ने बताया कि पानी और ऊर्जा की बबार्दी का आकलन करने के लिए पूर्व मध्य रेल के सभी 52 नामित स्टेशनों पर जल एवं ऊर्जा लेखा परीक्षा की गई है। साथ ही, पूर्व मध्य रेलवे के सभी प्रमुख स्टेशनों पर सफाई और स्वच्छता गतिविधियों की निगरानी के लिए सभी प्रमुख स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है।

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य करते हुए पूर्व मध्य रेलवे के पटना, दानापुर, राजेन्द्रनगर टर्मिनल, मुजफ्फरपुर, सोनपुर, धनबाद, गया आदि स्टेशनों पर प्लास्टिक बोतल क्रशिंग मशीन एवं कंपोस्टिंग प्लांट की स्थापना की गई। इसके साथ दानापुर, राजेन्द्र नगर टर्मिनल, बरौनी आदि स्टेशनों पर वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण संयंत्र, एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की गयी है तथा अन्य कई स्टेशनों पर भी इस तरह के उपाय विकसित किये जाने की योजना है ।

Input : आईएएनएस ; Edited by Lakshya Gupta

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