पिछले 6 सालों में भारतीय क्रिकेट में जो बदलाव आया है उसमे रवि शास्त्री की अहम भूमिका है। 6 साल पहले तक भारतीय क्रिकेट टीम वह टीम थी जो घर में शेर की तरह खेलती थी, लेकिन विदेश में जाके उसे हार का सामना करना पड़ता था। आज के दिन में जो भारतीय टीम हमारे सामने क्रिकेट खेलते हुए दिखती है उसमे बदलाव साफ़ नज़र आता है, इसी बदलाव का एक मुख्य कारण कोच रवि शास्त्री भी हैं। शास्त्री भले ही अपने पद से हार गएँ हो, लेकिन पिछले 6 वर्षों में जो बदलाव उन्होंने भारतीय टीम में लाया है वो काबिल-ऐ-तारीफ है।
पिछले दिनों भारत टी20 विश्व कप से बाहर हो गया। इसके साथ ही रवि शास्त्री का भारत के कोच के रूप में कार्यकाल भी समाप्त हो गया। रवि शास्त्री का कोच पद के लिए दुबारा से आवेदन ना करना कई सवालों को जन्म दे गया। इस बीच अटकलें यह भी लगाये गये की रवि शास्त्री और सौरव गांगुली के बीच अन-बन चल रही है, लेकिन तमाम अटकलों को खारिज करते हुए अब रवि शास्त्री ने खुलकर इस मुद्दे पर बात की है।
टीम इंडिया के पूर्व मुख्य कोच ने खुलासा करते हुए कहा की उन्होंने पिछले 18 से 20 महीने बायो बबल में रहकर दिमाग पर पद रहे मानसिक बोझ के कारण पद छोड़ा है। उन्होंने आगे कहा की हर चीज़ की एक उम्र होती है। हमें इस तथ्य को पहचानना चाहिए की ड्रेसिंग रूम में भी नए विचारों की ज़रूरत होती है। शास्त्री ने आगे कहा की वह निश्चित रूप से बीसीसीआई के साथ अपने अनुबंध को पसंद करते अगर वे 10 साल छोटे होते।
सौरव गांगुली (Pixabay)
रवि शास्त्री ने बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली से मतभेद की खबर का खंडन करते हुए कहा, "वे मेरे दोस्त हैं। यह मीडिया के लिए बहुत अच्छा मसाला है। मैंने हमेशा कहा है की यह उनके विचार हैं। कभी-कभी टकराव हो सकता है। वास्तव में, मैं सौरव को बहुत कम उम्र से जानता हूँ। तब मैंने उन्हें टाटा स्टील में लाने में महत्पूर्ण भूमिका निभाई थी।
Input: Various Source ; Edited By: Saksham Nagar