By : नवनीत मिश्र
विज्ञान भवन में शुक्रवार को हुई आठवें राउंड की बैठक में किसान नेताओं ने केंद्र सरकार के तीनों मंत्रियों से कानूनों के क्लॉज पर चर्चा करने से इनकार कर दिया। करीब तीन घंटे तक चली बैठक में कई बार माहौल गरम होता नजर आया। बीच में जब कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने स्पष्ट कह दिया कि कानून तो सरकार वापस नहीं लेगी, चाहे तो किसान कोर्ट का विकल्प देख सकते हैं।
इस पर किसान नेताओं ने कहा कि वे कोर्ट नहीं जाएंगे, बल्कि सरकार से बातचीत के जरिए समाधान तलाशना चाहते हैं। पूरे तीन घंटे तक चली बैठक में किसान नेता, तीनों कानूनों को खत्म करने की रट लगाए रखे। जबकि सरकार की तरफ से बातचीत कर रहे तीनों मंत्रियों ने यह मांग ठुकरा दी। बीच में एक समय ऐसा भी आया, जब मांग पूरी होता न देख कुछ किसान नेताओं ने बैठक छोड़कर चले जाने की भी बात कह दी। हालांकि दोनों पक्षों के रुख में नरमी के बाद बातचीत जारी रही।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश की मौजूदगी में विज्ञान भवन में दो बजकर 20 मिनट पर बैठक शुरू हुई। तोमर ने शुरूआत में ही किसान नेताओं को तीनों कानूनों पर बिंदुवार चर्चा का सुझाव दिया। लेकिन किसान नेताओं ने कहा कि वे कई बार चर्चा कर चुके हैं। हर बार संशोधन का आश्वासन देने के आगे सरकार बात बढ़ाती ही नहीं। इसलिए क्लॉज वाइज चर्चा का कोई मतलब नहीं है। किसान नेताओं ने कहा कि अगर सरकार तीनों कानूनों को लागू करने से इन्कार करे तो फिर किसान तत्काल प्रभाव से आंदोलन खत्म करने को तैयार हैं। तोमर ने कहा कि कानून के जिन प्रावधानों पर आपत्तियां हैं उसे तर्क सहित बताया जाए तो हम उसे दुरुस्त करेंगे लेकिन, कानून वापस नहीं होगा।
सूत्रों के मुताबिक, तोमर ने इस दौरान सुप्रीम कोर्ट में लंबित चल रहे मामले का जिक्र किया। कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी इस मसले का हल चाहता है। ऐसे में कोर्ट के रुख का भी इंतजार करना चाहिए। किसान नेता हनन मुल्ला ने आईएएनएस से मीटिंग के अंदर के घटनाक्रम को बताते हुए कहा, कृषि मंत्री ने बैठक में कहा कि आप लोग कोर्ट भी जा सकते हैं। इस पर हमने कहा कि हम क्यों कोर्ट जाएं? जब तक कानून खत्म नहीं होगा, तब दिल्ली से घरवापस नहीं जाएंगे। इस पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि देश में तमाम किसान संगठनों ने इस कानून का स्वागत किया है। अगर कानूनों का विरोध हो रहा है तो देश के कई हिस्सों के किसान स्वागत भी कर रहे हैं। इसलिए सरकार सिर्फ विरोध करने वालों नहीं बल्कि समर्थन करने वालों की भावनाओं का भी ख्याल रख रही है। कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि अगली बार जब 15 जनवरी को बैठक होगी तो उससे पहले भी सरकार किसान आंदोलन का समाधान निकालने के लिए अन्य विकल्पों पर भी विचार करेगी।"
किसान नेता ऋषिपाल ने आईएएनएस से कहा, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सोमवार को 11 जनवरी को किसान आंदोलन के मसले पर कोर्ट में सुनवाई लगी है, जो फैसला आएगा दोनों पक्ष मान लेंगे। इस पर एक स्वर में किसान नेताओं ने कहा- हम कोर्ट का फैसला नहीं मानेंगे। क्यों मीटिंग में शामिल 40 संगठनों में से कोई भी कोर्ट नहीं गया है। ऐसे में हमें कोर्ट की सुनवाई से कोई लेना-देना नहीं है। हम तभी वापस जाएंगे, जब कानून वापस होंगे। (आईएएनएस)