आत्मनिर्भर भारत में शिक्षा की भूमिका

आत्मनिर्भर भारत में शिक्षा की भूमिका
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भारत को आत्मनिर्भर बनाने का अभियान जारी है, इसमें शिक्षा किस तरह से भूमिका निभा सकती है, इस पर मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 'सार्थक एजुविजन 2021' में मंथन होने जा रहा है। इसमें देश के शिक्षा विशेषज्ञों के साथ अकादमिक विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे और मंथन करेंगे कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीयता को कैसे लाया जा सकता है ।

भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख आनंद अग्रवाल ने बताया है कि भोपाल में 15 से 17 मार्च तक होने वाले आयोजन राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस एवं नेशनल एक्सपो 'सार्थक एजुविजन 2021' में विभिन्न संस्थानों के अकादमिक और विशेषज्ञ जुटेंगे जो भारत केंद्रित शिक्षा व्यवस्था के लिए मंथन करेंगे। इस नेशनल एक्सपो में देश की प्रतिष्ठित संस्थाएं और संगठन भी प्रदर्शनी के माध्यम से अपने कार्यों और सफलताओं को साझा करेंगे।

भारतीय शिक्षण मंडल, मध्यप्रदेश शासन, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, यूजीसी तथा एआईसीटीई के संयुक्त आयोजन में देशभर से लगभग 200 कुलपति, अकादमिक तथा शिक्षा विशेषज्ञ, इसरो, डीआरडीओ, भाभा एटोमिक रिसर्च समेत कई उत्कृष्ट संस्थाओं के प्रतिनिधि हिस्सा लेकर आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को साकार करने में शिक्षा क्या भूमिका निभा सकती है इस पर मंथन करेंगे।
 

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान नेशनल एक्सपो का उद्घाटन करेंगे। ( सोशल मीडिया )

इस आयोजन में एक प्रदर्शनी भी लगेगी, जिसके माध्यम से भारत के उल्लेखनीय और उत्कृष्ठ शिक्षा संस्थान अपने सफल कार्यों और अभियानों को देश के समक्ष प्रस्तुत करेगे।

अग्रवाल के मुताबिक, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान नेशनल एक्सपो ( National expo )का उद्घाटन करेंगे। समापन कार्यक्रम में देश के केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल उपस्थित रहेंगे। कई केंद्रीय मंत्री भी इस दैरान कॉन्फ्रेंस को ऑनलाइन संबोधित करेंगे।
( AK आईएएनएस )
 

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