कोविड(Covid-19) की दूसरी लहर से उबरकर भारत अब विकास की ओर आगे बढ़ रहा है, लेकिन इस बात को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि अभी तीसरी लहर का भी खतरा है। जिसका अंदेशा स्वास्थ्य मंत्रालय(Health Ministry) को भी है इसीलिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कुछ राज्यों में कोविड परीक्षण के घटते रुझानों पर चिंता व्यक्त की। बता दें इन राज्यों में नागालैंड, सिक्किम, महाराष्ट्र, केरल, गोवा, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और लद्दाख शामिल है।
स्वास्थ्य मंत्रालय(Health Ministry) ने कहा कि कोविड टेस्टिंग(Covid Testing) में कमी समुदाय के भीतर फैले वास्तविक संक्रमण का पता लगाने में बाधा उत्पन्न करेगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सर्दियों की शुरूआत और कुछ राज्यों में बढ़ते प्रदूषण के साथ, आईएलआई-एसएआरआई के प्रसार और श्वसन संकट के लक्षणों की बारीकी से निगरानी की जानी चाहिए। इसके अलावा, समय पर निगरानी और शुरूआती हॉटस्पॉट(Hotspot) पहचान के लिए मामलों की क्लस्टरिंग के लिए नियमित रूप से परीक्षण किए जाने चाहिए।
राज्यों को लिखे पत्र में मंत्रालय(Health Ministry) ने कहा कि पर्याप्त परीक्षण के निरंतर स्तर के अभाव में, किसी भूगोल में फैले संक्रमण के वास्तविक स्तर को निर्धारित करना बहुत मुश्किल है। अधिकांश देशों में हाल के दिनों में कोविड(Covid -19) के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है और कुछ विकसित देशों को कोविड के टीकाकरण के उच्च स्तर के बावजूद चौथी और पाँचवीं लहर का सामना करना पड़ रहा है। इस बीमारी की अप्रत्याशित और संक्रामक प्रकृति को देखते हुए निरंतर सतर्कता की आवश्यकता है।
मंत्रालय(Health Ministry) ने राज्यों से कहा कि 22 नवंबर को समाप्त सप्ताह तक नागालैंड ने 342 औसत दैनिक परीक्षणों की सूचना दी है। यह 23-29 अगस्त के बीच में किए गए 1,250 औसत दैनिक परीक्षणों के उच्च के विपरीत है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि राज्य ने 22 नवंबर को समाप्त सप्ताह में 1.5 प्रतिशत की सकारात्मकता रिकॉर्ड की है। मंत्रालय ने इन राज्यों को महामारी की स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए गति बनाए रखने और अब तक की गई प्रगति पर निर्माण करने का निर्देश दिया है।
input : आईएएनएस ; Edited by Lakshya Gupta