अफ्रीका के ‘सिऐरा लियोन’ में किए गए भारतीय सेना की 20 साल पुरानी ‘ऑपरेशन खुकरी’ की कहानी

भारतीय सेना (सांकेतिक तस्वीर)(Image: VOA)
भारतीय सेना (सांकेतिक तस्वीर)(Image: VOA)
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कारगिल युद्ध में पाकिस्तान सेना को परास्त करने वाली 18 ग्रेनेडियर ने देश में ही नहीं बल्कि विदेशी धरती पर भी अपना शौर्य सिद्ध किया है। आफ्रिका के सिएरा लियोन में भारतीय सेना के 18 ग्रेनेडियर ने 20 साल पूर्व जो कार्य  किया था, उसे सुनकर हर भारतीय को भारतीय होने पर गर्व होगा।

कारगिल में युद्ध के दौरान, नेतृत्व कर चुके ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर ने ऑपरेशन खुकरी में आफ्रिका के सिऐरा लियोन से 240 लोगों को आतंकियों की कैद से आज़ाद करवाया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2000 में  अफ्रीका के सिएरा लियोन में विद्रोहियों ने खूब आतंक मचाया था।

ऑपरेशन का नाम ऑपरेशन खुकरी कैसे पड़ा

हालांकि, इस ऑपरेशन में भारतीय सेना समेत घाना, ब्रिटेन और नाइजीरिया की सेना ने भी हिस्सा लिया था, लेकिन इस ऑपरेशन को अंजाम, भारतीय सेना ने अपने दम पर ही दिया था। इस ऑपरेशन में गोरखा रेजीमेंट ने अहम भूमिका निभाई थी। गोरखा रेजीमेंट को सेना की सबसे खतरनाक रेजीमेंट में से एक माना जाता है। इस ऑपरेशन का नाम खुकरी इसलिए रखा गया था क्योंकि गोरखा रेजीमेंट के सिपाही अपने साथ हमेशा एक खुकरी रखते हैं।

सिएरा लियोन में विद्रोहियों ने यूनाइटेड नेशन पीस किपिंग फोर्स के 240 जवानों को बंदी बना लिया गया था। इनमें से 234 लोग भारतीय थे। बंदी बनाए गये भारतीयों को छुड़ाने की ज़िम्मेदारी, भारत सरकार ने ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर को सौंपी थी, और उन्हें 18 ग्रेनेडियर के दल के साथ सिएरा लियोन भेजा गया था।

ऑपरेशन खुकरी को  कैसे अंजाम दिया गया

रिवॉल्यूशनरी यूनाइटेड फ्रंट के विद्रोहियों द्वारा सिएरा लियोन में बंधक बनाए गए भारतीय शांति सैनिकों को संयुक्त राष्ट्र की ओर से अफ्रीका के सिएरा लियोन भेजा गया था। ये भारतीय सेना गोरखा रेजीमेंट के सैनिक थे और इन्हें ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी कि वे रिवोल्यूशनरी यूनाइटेड फ्रंट के खिलाफ स्थानीय सरकार की मदद कर अफ्रीका के सिएरा लियोन में शांति बहाल करें। परन्तु आरयूएफ के विद्रोहियों ने यूएन के भेजे गए शांति सैनिकों के दल को बंदी बना लिया और उन्हे लगभग 75 दिनों तक बंदी बनाए रखा, जिसके बाद ऑपरेशन खुकरी को अंजाम दिया गया था।

ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर उस दौरान 18 ग्रेनेडियर दल के कप्तान के तौर पर नेतृत्व कर रहे थे। उनके पास 900 जवानों की यूनिट थी ।आपरेशन खुखरी 15 जुलाई 2000 को शुरु हुआ। दो दिनों तक चले इस ऑपरेशन के दौरान 16 जुलाई को जंगल में विद्रोहियों द्वारा अगवा किये गए भारतीयों समेत यूनाइटेड नेशन पीस किपिंग फोर्स के सभी जवानों को सकुशल छुड़ा लिया गया। इस पूरे ऑपरेशन में  एक जवान शहीद तथा दो जवान घायल हुए थे।

ऑपरेशन खुखरी के बाद  कुछ महीनों  तक सिएरा लियोन में रहे खुशाल ठाकुर

ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर ऑपरेशन खुखरी को अंजाम देने के बाद अपने यूनिट  के साथ सिएरा लियोन में कुछ महीनों तक रहे। उन्होंने इस दौरान वहां पर शांति बहाल करने तथा वहां की स्थिति को सामान्य करने के लिए काफी कार्य किये। उन्होंने वहाँ प्रशासन व जनता के बीच फैले डर को ख़त्म किया तथा लोगों को पुनः से खेती-बाड़ी की ओर प्रेरित भी किया। ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर बताते हैं कि इस ऑपरेशन के बाद तत्कालीन रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस, विमान से आम लेकर सिएरा लियोन पहुंचे थे और जवानों को भारतीय आम खिलाकर जीत का जश्न मनाया गया था।

ऑपरेशन खुखरी पर फ़िल्म बन रही है

विदेशी धरती पर सेना के बड़े बचाव अभियान 'ऑपरेशन खुखरी' पर शाह रुख़ ख़ान की कंपनी फ़िल्म बना सकती है, जिसमें कारगिल युद्ध के हीरो रहे ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर सहित इस अभियान में शामिल उन सभी जवानों की बहादुरी की गाथा को बड़े पर्दे पर दिखाया जाएगा।

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