वेबिनार के जरिए देश के विभिन्न सांस्कृतिक पहलुओं को जान सकेंगे छात्र

शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल एक योजना का उद्घाटन करते हुए। (Twitter)
शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल एक योजना का उद्घाटन करते हुए। (Twitter)
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राष्ट्रीय बाल भवन वेबिनार के माध्यम से छात्रों के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान के कार्यक्रमों पर ध्यान केन्द्रित करेगा। जिससे छात्र, देश के विभिन्न सांस्कृतिक पहलुओं को जानने की प्रक्रिया जारी रख सकते हैं। ये आंकलन भी किया जाएगा कि कैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बाल भवन की गतिविधियों को प्रोत्साहन मिल सकता है।

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को राष्ट्रीय बाल भवन (एनबीबी) की एक समीक्षा बैठक ली। बैठक में स्कूल शिक्षा सचिव अनीता करवाल, संयुक्त सचिव, आर. सी. मीणा और राष्ट्रीय बाल भवन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

बैठक के दौरान शिक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय बाल भवन की विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा की और अधिकारियों को वर्तमान परिदृश्य में गतिविधियों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने पिछले दो साल में एनबीबी द्वारा की गई प्रगति, उसके वर्तमान सदस्यता विवरण और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का मूल्यांकन भी किया।

भारत का प्रसिद्ध युद्ध स्मारक 'इंडिया गेट'। (Pixabay)

निशंक ने कहा, "राष्ट्रीय बाल भवन हमारे बच्चों को विभिन्न गतिविधियां सिखाने वाला एक बड़ा मंच है। हमें इसकी गतिविधियों का क्षेत्रीय केन्द्रों तक विस्तार करना चाहिए, जिससे ज्यादा से ज्यादा बच्चे इस मंच का लाभ उठा सकें।"

उन्होंने कहा, "बच्चों को रचनात्मक गतिविधियों के प्रोत्साहन देने के एवज में बाल भवन को राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार शुरू करना चाहिए।" अधिकारियों को इस संबंध में एक योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं।

शिक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय बाल भवन में खाली पड़े पदों की समीक्षा भी की और अधिकारियों को खाली पदों को भरने की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए।

शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल संबोधन देते हुए। (Twitter)

गौरतलब है कि सरकार शिक्षा के साथ छात्रों को रोचक तरीके से कौशल विकास के क्षेत्र में भी प्रशिक्षण देने का प्रयास कर रही है। इसी के अंतर्गत छात्रों को भारतीय संस्कृति एवं प्राचीन कला के अनुरूप खिलौनों के विषय में जानकारी दी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि खिलौनों के बाजार में बहुत बड़ी संभावनाएं हैं और छात्र इसका उपयोग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

स्कूली छात्रों के बीच खिलौना और कठपुतली बनाने का कौशल विकसित किया जाएगा। इसे 'कला उत्सव' की एक थीम के रूप में पेश किया जाएगा, जो छात्रों को विभिन्न स्थानीय खिलौनों का पता लगाने और विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।(आईएएनएस)

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