![सुशील मोदी, भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद [twitter]](http://media.assettype.com/newsgram-hindi%2Fimport%2F2022%2F04%2F130420221649851339.jpeg?w=480&auto=format%2Ccompress&fit=max)
भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार (Sushil modi) मोदी ने नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट को चुनौती दी है, जिसमें बिहार को सभी मानकों में सबसे निचले पायदान पर रखा गया है। मोदी ने दावा किया है कि आयोग संबंधित राज्य सरकारों से परामर्श किए बिना रिपोर्ट तैयार करता है। इसलिए यह जमीनी हकीकत पर आधारित नहीं है।
नीतीश कुमार के करीबी मोदी ने कहा, "नीति आयोग ने किसी तरह शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क के बुनियादी ढांचे से संबंधित रिपोर्ट तैयार की और बिहार को सबसे नीचे रखा। इसके अधिकारियों ने गलत चीजों का मूल्यांकन करने के लिए एक पुराने तंत्र का विकल्प चुना है। उन्हें संबंधित राज्य सरकारों से परामर्श करना चाहिए और सुविधाओं का मूल्यांकन करना चाहिए। पिछले 10 से 15 वर्षों के विकास को ध्यान में रखें।"
मोदी ने कहा, "यदि हम शिक्षा प्रणाली, स्वास्थ्य, सड़क के बुनियादी ढांचे, प्रति व्यक्ति आय का विश्लेषण करते हैं, तो बिहार शीर्ष पर होगा। मेरा मानना है कि नीति आयोग को रिपोर्ट प्रकाशित करने से पहले विश्लेषण प्रक्रिया को बदलना चाहिए।"
उन्होंने (Sushil modi) यह भी कहा, "आयोग का विश्लेषण कार्यक्रम 2015-16 पर आधारित है, जिसे अपडेट करने की जरूरत है।
मोदी ने कहा, "नीति आयोग पंजाब, गुजरात जैसे विकसित राज्यों का बिहार और ओडिशा जैसे पिछड़े राज्यों या गोवा और उत्तराखंड जैसे छोटे राज्यों की तुलना में मूल्यांकन कैसे कर सकता है। इसे किसी विशेष राज्य की आबादी, क्षेत्रों और संसाधनों के आधार पर रिपोर्ट तैयार करनी चाहिए।" (आईएएनएस)
Input: IANS ; Edited By: Manisha Singh