दिल्ली में फिर शिक्षकों के वेतन का संकट

दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित कॉलेजों में फिर शिक्षकों के वेतन का संकट। (Wikimedia Commons)
दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित कॉलेजों में फिर शिक्षकों के वेतन का संकट। (Wikimedia Commons)
Published on
3 min read

दिल्ली सरकार द्वारा 100 प्रतिशत सहायता प्राप्त कॉलेजों में अनुदान के संबंध में बार-बार देरी हो रही है। इस कारण कर्मचारियों को कई महीने से वेतन नहीं मिल रहा है। डूटा का कहना है कि बार-बार अनुदान रोकना और वेतन में देरी शिक्षकों पर अन्यायपूर्ण और क्रूर हमला है। दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षक अनुदान में देरी को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने मार्च 2021 में प्रधानाध्यापकों को दिए 28 करोड़ रुपये जारी करने का अपना वादा भी पूरा नहीं किया है। इससे शिक्षकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। त्योहारों का मौसम नजदीक है लेकिन कर्मचारियों को अपनी दिन-प्रतिदिन की जरूरतों को पूरा करना भी मुश्किल हो गया है, डूटा अध्यक्ष राजीव रे ने कहा।

डूटा ने इन 12 डी यू कॉलेजों का मुद्दा 15 सितंबर 2021 को यूजीसी के साथ और 20 अक्टूबर को नवनियुक्त वी.सी, प्रोफेसर योगेश सिंह के साथ उठाया था। वीसी और यूजीसी से तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध किया गया है। डूटा ने यूजीसी से इन कॉलेजों के अधिग्रहण की भी मांग की है।

दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षक अनुदान में देरी को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

डूटा के अध्यक्ष राजीब रे के मुताबिक अन्यायपूर्ण- गैर अनुदान के खिलाफ डूटा आंदोलन को और तेज करेगा अगर वेतन तुरंत जारी नहीं किया जाता है तो।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से भी दिल्ली सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित 12 कॉलेजों के अनुदान जारी करने की मांग की गई है। दिल्ली सरकार के इनमें से कई कॉलेजों में दो महीने से अनुदान जारी नहीं किया गया है। इससे शिक्षकों व कर्मचारियों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षक संगठनों ने दिल्ली सरकार से इन कॉलेजों को दिवाली त्योहार से पहले अनुदान जारी करने को कहा है ताकि शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारी दिवाली का त्योहार मना सकें।

दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों और गैर-शिक्षकों ने इस विषय पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पत्र लिखा है कि 'दिल्ली सरकार के पूरी तरह से वित्त पोषित 12 कॉलेजों में से कुछ शिक्षकों और कर्मचारियों को दो महीने से वेतन का भुगतान नहीं करने के कारण वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं।'

वहीं दूसरी ओर कोविड-19 के चलते शिक्षक और कर्मचारी पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। उन्हें जो अनुदान मिलता है, उसमें केवल शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन का भुगतान किया जाता है, शेष शिक्षकों की पेंशन, चिकित्सा बिल, 7वें वेतन आयोग के बकाया आदि के बिल लंबित हैं।

दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों का कहना है कि दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 12 कॉलेजों को दिल्ली सरकार द्वारा दिए जा रहे अनुदान में केवल शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन का ही भुगतान किया जाता है। इन कॉलेजों में अतिथि शिक्षक, संविदा कर्मचारी भी हैं, जिन्हें 12 से 15 हजार रुपये प्रति माह मिलता है, लेकिन पिछले दो महीने से कुछ कॉलेजों को वेतन नहीं मिला है। ये मजदूर दिल्ली जैसे शहर और दूसरी तरफ कोविड-19 जैसी बीमारी में भी बिना वेतन के काम कर रहे हैं।

Input: IANS ; Edited By: Tanu Chauhan

न्यूज़ग्राम के साथ Facebook, Twitter और Instagram पर भी जुड़ें!

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com