तेंदुलकर ने बताया उन्होंने कैसे की थी अपर कट की खोज

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर। (Wikimedia commons)
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर। (Wikimedia commons)

भारतीय टीम के बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने बताया है कि उन्होंने कभी अपर कट खेलने की प्रैक्टिस नहीं की थी न ही उन्होंने कभी जानबूझकर यह शॉट खेलने की योजना बनाई थी। 100एमबी के यूट्यूब वीडियो में तेंदुलकर ने बताया कि 2002 के दक्षिण अफ्रीका दौरे पर उन्होंने यह शॉट खेलने की कोशिश की।

सवाल-जवाब सत्र में अनुराज आंदे के प्रशंसक ने सचिन से सवाल पूछा कि क्या आपने अपर कट का अभ्यास किया या फिर आप जब खेल रहे थे तो यह शॉट आपने अचानक से खेल दिया।

जवाब में तेंदुलकर ने कहा, "यह दक्षिण अफ्रीका में 2002 में हुआ। हम ब्लएमफोनटेन में टेस्ट मैच खेल रहे थे। हम पहले बल्लेबाजी कर रहे थे और मखया नतिनी ऑफ स्टम्प के पास उसी शॉर्ट ऑफ लैंग्थ पर गेंदबाजी कर रहे थे जो वो आमतौर पर करते हैं। वह बहुत कम लैंग्थ डिलेवरी डालते हैं। चूंकि वो क्रिज के बाहरी कोने से गेंदबाजी करने आ रहे थे तो मैं लाइन के बारे में अंदाजा लगा सकता था।"

उन्होंने कहा, "दक्षिण अफ्रीका की पिचों पर ज्यादा उछाल होती है। इस तरह की बाउंसरों से निपटने का तरीका यही होता है कि आप गेंद के ऊपर जाएं और अगर गेंद फिर भी आपकी लंबाई से ज्यादा उछाल लेती है तो क्यों न उसके नीचे रहकर भी आक्रामक हुआ जाए।"

उन्होंने कहा, "मैंने यही सोचा कि गेंद पर ऊपर चढ़ने और उसे जमीन पर रखते हुए मारने के बजाए उसके नीचे आकर, गेंद की तेजी का इस्तेमाल करते हुए उसे थर्डमैन बाउंड्री की तरफ खेला जाए।"तेंदुलकर ने कहा, "इस शॉट ने कई तेज गेंदबाजों को परेशान किया है क्योंकि वह बाउंसर खाली गेंद निकालने के लिए फेंकते थे, लेकिन मैंने उन्हें बाउंड्रीज में तब्दील किया। मैं किसी तरह की रणनीति नहीं बनाता। कई बार आपको अपनी स्वाभाविक भावना को मानना होता है। मैंने यही किया।" (आईएएनएस)

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