तिब्बत में विकास और परिवर्तन अद्भुत है : फ्रांसीसी लेखिका

लंबे समय से तिब्बत के प्रति पश्चिमी समाज पक्षपातपूर्ण रहा है, पश्चिमी लोगों को वास्तविक तिब्बत को समझने की बड़ी आवश्यकता है। (Wikimedia Commons)
लंबे समय से तिब्बत के प्रति पश्चिमी समाज पक्षपातपूर्ण रहा है, पश्चिमी लोगों को वास्तविक तिब्बत को समझने की बड़ी आवश्यकता है। (Wikimedia Commons)

एक दशक से अधिक समय पहले जब मैंने पहली बार तिब्बत (Tibet) की यात्रा की, तो वहां पाया कि तिब्बत में विकास और परिवर्तन अद्भुत है। स्थानीय लोगों का जीवन स्तर उल्लेखनीय रूप से उन्नत हुआ है, और चीन सरकार ने तिब्बती पारंपरिक संस्कृति के संरक्षण के लिए बड़ी कोशिश की है।" फ्रांसीसी दार्शनिक और लेखिका सोनिया ब्रेस्लर (French writer Sonia Bresler) ने हाल ही में तिब्बत पर टिप्पणी करते हुए चीनी समाचार एजेंसी शिन्हुआ को दिए एक इंटरव्यू में यह बात कही। ब्रेस्लर ने क्रमश: साल 2007, 2012, 2016 और 2019 चार बार तिब्बत की यात्रा की। उन्होंने एक दशक से अधिक समय तक तिब्बत की अपनी यात्रा के दौरान जिन लोगों और चीजों का सामना किया, उन्हें रिकॉर्ड किया और तिब्बत की खोज जैसी कई किताबें प्रकाशित कीं, जो आज तिब्बत को समझने के लिए फ्रांसीसी पाठकों के लिए एक महत्वपूर्ण खिड़की बन गई है।

तिब्बत के विकास और परिवर्तनों ने ब्रेस्लर पर गहरी छाप छोड़ी। उन्होंने कहा कि पश्चिमी मीडिया हमेशा तिब्बती सांस्कृतिक (Tibetan Cultural) विरासत के विनाश पर आरोप लगाती रहती है, लेकिन जब वह ल्हासा में पहली बार तिब्बत गई, उन्होंने मठों और मंदिरों के दर्शन के लिए दूर से बड़ी संख्या में पर्यटकों को आते देखा। यह बहुत चौंकाने वाला था, जो पश्चिमी मीडिया की रिपोटरें में स्थिति के बिल्कुल विपरीत है। उन्होंने तिब्बत में स्कूलों, अस्पतालों और बुनियादी संस्थापनों का तेजी से विकास देखा है। सांस्कृतिक अवशेषों को अच्छी तरह से संरक्षित किया गया है।

पश्चिमी लोगों को वास्तविक तिब्बत को समझने की बड़ी आवश्यकता है। (सांकेतिक चित्र, Wikimedia Commons)

ब्रेस्लर ने कहा कि चीन सरकार तिब्बत के सामाजिक आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ तिब्बती पारंपरिक संस्कृति के संरक्षण के लिए सिलसिलेवार कदम उठाए। मसलन् तिब्बती सांस्कृतिक विरासतों की मरम्मत और संरक्षण। उन्होंने कहा कि चीन सरकार के समर्थन के बगैर, तिब्बती संस्कृति का आज जैसा विकास नहीं हो पाता।

हरेक बार की यात्रा से ब्रेस्लर ने चीन सरकार के प्रयासों से तिब्बत के स्थानीय लोगों के जीवन स्तर की उन्नति में प्राप्त फलों को महसूस किया। उन्होंने कहा कि इन प्रगतियों को पश्चिमी

मीडिया ने नजर अंदाज किया है। लंबे समय से तिब्बत के प्रति पश्चिमी समाज पक्षपातपूर्ण रहा है, पश्चिमी लोगों को वास्तविक तिब्बत को समझने की बड़ी आवश्यकता है।

ब्रेस्लर को उम्मीद है कि पश्चिमी विद्वान और लोग खुद तिब्बती क्षेत्रों में जा सकेंगे, वहां युवा पीढ़ी के जीवन को देख सकेंगे, तिब्बती उद्यमियों और आधुनिक भिक्षुओं की नई पीढ़ी को देख सकेंगे, तिब्बत के विकास को महसूस कर सकेंगे, और तिब्बती लोगों की आवाज सुन सकेंगे। रंगीन चश्मा उतार देंगे। तभी समझ सकेंगे कि तिब्बत में चीन सरकार के प्रयासों को झूठी पश्चिमी रिपोटरें में हस्तक्षेप नहीं किया जाना चाहिए।

(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग) (आईएएनएस-SM)

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