राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (National Commission for Protection of Child Rights) ने मंगलवार को अपना 17वां स्थापना दिवस दिल्ली स्थित लाल किले के मैदान में मनाया। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री (Union Minister of Women and Child Development) स्मृति जुबिन ईरानी(Smriti Zubin Irani) मुख्य अतिथि के तौर पर इस कार्यक्रम में शामिल हुईं। इस अवसर पर स्मृति ईरानी ने एनसीपीसीआर का नया आदर्श वाक्य 'भविष्यो रक्षति रक्षित:' लॉन्च किया और कहा, नया आदर्श वाक्य हमें भविष्य यानी अपने बच्चों की रक्षा करने के लिए प्रेरित करता है, क्योंकि उनके कल्याण में एक मजबूत राष्ट्र की नींव है।
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने विभिन्न राज्यों के बच्चों के साथ बातचीत की और एनसीपीसीआर के सहयोग से सीमा सुरक्षा बलों (बीएसएफ) द्वारा उनके बचपन के दौरान स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियों पर आधारित प्रदर्शनी का भी दौरा किया और उनके बलिदानों को याद किया। इस आयोजन का फोकस बच्चों पर रहा, जिसमें बच्चों की प्रदर्शनी लगाई गई और बच्चों को लाल किले का गाइडेड टूर कराया गया।
बाल कल्याण में एक मज़बूत राष्ट्र की नीव निहित है- स्मृति ईरानी (Wikimedia Commons)
केंद्रीय डब्ल्यूसीडी मंत्री ने 'सहारा' नामक विशेष पहल के लिए एनसीपीसीआर और सीमा सुरक्षा बल के बीच सहयोग को भी पूरक बनाया, जो सर्वोच्च बलिदान देने वाले बीएसएफ जवानों के बच्चों को मनो-सामाजिक परामर्श और सहायता प्रदान करने की एक पहल है।
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इस सहयोग की सराहना करते हुए ईरानी ने एक ट्वीट में कहा कि 2 महीने में 300 कॉल का जवाब दिया गया और 127 शिकायतों को वेब लिंक के माध्यम से संबोधित किया गया।
गौरतलब है कि महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) मंत्रालय 1 से 8 मार्च तक अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर पूरे सप्ताह सिलसिले वार महिला उत्थान कार्यक्रमों का आयोजन करेगा। इसे 'आजादी का अमृत महोत्सव' के एक भाग के रूप में 'प्रतिष्ठित सप्ताह' के तौर पर मनाया जायेगा।
Input-IANS ; Edited By-Saksham Nagar