पैन एम फ्लाइट (PAN-M flight) 914, जो 57 यात्रियों और छह चालक दल के सदस्यों के साथ एक डगलस डीसी 4 था। 2 जुलाई 1955 को जब यह फ्लाइट न्यूयॉर्क (New York) शहर से मियामी (Miami) , फ्लोरिडा (Florida) के लिए रवाना हुआ तब उड़ान को हमेशा की तरह कुछ घंटों के लिए निर्धारित किया जा चुका था। लेकिन यह प्लेन उस समय मियामी नहीं पहुंचा था। इसकी बजाय यह 9 मार्च 1985 को काराकास रडार (Caracas radar) को अघोषित और अदृश्य दिखाई दिया।
प्लेन (Plane) ने एक सफल उड़ान भरी थी। जिसके बाद पायलट ने, गेट की ओर कर लगा दिया (यानी हवा का स्तंभ चारो ओर घूमता रहे और भूमि की सतह के साथ चलता रहे) ग्राउंड हैंडलर चिल्ला रहे थे कि, सभी यात्री खिड़की से अपना चेहरा अंदर कर लें। जबकि सभी यात्री खिड़की से झांकते हुए, एक शानदार दुनिया को देख रहे थे।
प्लेन के रनवे पर वापस लौटने से पहले , जहां से उसने उड़ान भरी थी। पायलट ने एक छोटे कैलेंडर (calendar) को खिड़की से बाहर गिर दिया। लेकिन उसके बाद, प्लेन जैसे ही रनवें पर आया , व अचानक गायब हो गया था। किसी ने भी प्लेन को रनवे पर आते नहीं देखा था। और कैलेंडर ? क्या उसने इसे गलती से गिर दिया था? क्या रहस्य है? क्या हुआ था? हमें शायद ये कभी भी पता नहीं चल पाए।
वेनेज़ुएला (Venezuela) और संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of america) की सरकारें, दोनों ही इसके विषय में कुछ नहीं कहती हैं। जब भी कोई सवाल पूछा जाए तो कहानी बनाकर अक्सर टाल देते हैं।
वे कहते हैं कि, कैलेंडर और टॉवर टेपों को जब्त कर लिया गया था, और जब इस घटना पर टिप्पणी की जाती है तो वह हस्तक्षेप करने से इंकार कर देते हैं।
फ्लाइट 914 का वास्तव में क्या हुआ था? आखिर क्या रहस्य है उसका?
सिद्धांत-
यह कहानी वर्षों से इंटरनेट (Internet) पर घूम रही है। और UFO के साथ एक गर्म मंच का विषय बना हुआ है। इसका सबसे लोकप्रिय सिद्धांत यह माना जाता है कि, यह विमान किस प्रकार के टाइम पोर्टल (Time portal) या वर्महोल (wormhole) से गुजरा था। सन् 1955 में मियामी में उतरने के बजाय यह 30 साल बाद वेनेज़ुएला के आगमन पर कैसे दिखाई दिया?
लोग अक्सर इस विषय में अपना – अपना अनुमान लगाते रहते हैं। जिसमें से एक ने कहा कि , यह काराकास छोड़ने के बाद वर्महोल के माध्यम से वापस चला गया, लेकिन जिज्ञासा यही है कि, वास्तव मे वर्महोल या टाइम पोर्टल काम कैसे करता है। यह स्पष्ट रूप से अब तक भी समझ नहीं आता है।
सच्चाई क्या है?
सच्चाई यही है कि , पैन एम फ्लाइट 914 , एक कहानी मात्र है। इस मामले में कई किवदंतियां भी देखने को मिलती है लेकिन इसके विपरित सच्चाई यही है कि, यह एक कहानी है और इसके स्त्रोत भी मिलते हैं।
यह पहली बार 1985 में, वीकली वर्ल्ड न्यूज (Weekly world news) द्वारा प्रकाशित की गई एक कहानी थी। एक ऑनटाइम टैबलॉयड (tabloid) , जो कि अब एक वेबसाइट है। वो इस तरह की अजीब और मनगढंत कहानियां लिखने में काफी महिर है। 1990 के दशक के आसपास कहानी में फिर से कुछ बदलाव कर दिए गए थे। जिसमें बाद की कहानी में विमान के आगमन की तारीख 1992 में बदल दी गई थी।
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इस कहानी को जब ब्राइट साइड ने यूट्यूब (YouTube) पर डाला , तो इस कहानी को काफ़ी बढ़ावा मिला था। सनैपिली द्वारा निर्मित इस वीडियो को करीब 15 मिलियन से भी अधिक लोगों द्वारा देखा गया था।
ब्राइट साइड (Bright Side) ने उस समय इसके कई विवरण पेश किए , जो पहले साप्ताहिक विश्व समाचार में तो नहीं थे।
लेकिन विडियो से यह पता चलता है कि, यह कहानी केवल अंत तक एक मात्र धोखा है। बहुत हद तक संभव है कि , लोगों ने इसे वास्तविक जीवन की फर्जी खबरों में साझा करने के लिए , बड़े पैमाने पर पूंजी लगाई थी। जबकि , इसके बारे में लगभग सभी लोगों को पता था कि , यह एक काल्पनिक निर्माण यानी एक कहानी मात्र है। यह सब , यह दिखाने के लिए किया जाता है कि, हवाई जहाज (Airplane) से लोग कितने ज्यादा मोहित हो जाते हैं। यहां तक कि, अब तक सबसे ज्यादा कहानी को असाधारण अनुभूति बनाने के लिए , मनगढंत रूप ही दिया जाता है।