विज्ञापनों और नाच-गानों पर पैसा बहाने वाले राम मंदिर पर खड़ा कर रहे हैं प्रश्न!

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यह कहावत तो आपने जरूर सुनी होगी कि 'राम जो न दिखाए', बहरहाल अयोध्या राम मंदिर फिर से एक बार चर्चा का विषय बना हुआ है। सोशल मीडिया #राम_मंदिर और #राम_मंदिर_घोटाला ट्रेंड कराया जा रहा है और सभी राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने सुविधा-अनुसार राम मंदिर पर राजनीति कर रहे हैं। मजे की बात यह है कि राम मंदिर पर वह लोग प्रश्न उठा रहे हैं, जिन्होंने भगवान श्री राम को काल्पनिक बताया था, या जिन्होंने श्री राम को बांस के बने शिविर में कई वर्षों तक रहने के लिए छोड़ दिया था।

क्या है पूरा मामला?

मामला यह है कि आम आदमी पार्टी और केजरीवाल के प्रिय नेता संजय सिंह ने रविवार (13 जून 2021) को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र 'ट्रस्ट' और ट्रस्ट के अध्यक्ष चम्पत राय पर जमीन से जुड़ा घोटाला करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि अयोध्या में जमीन जिसकी कीमत 5 करोड़ 80 लाख रुपए है, उसे 2 करोड़ रुपये में पहले खरीदा गया, इसके बाद सुल्तान अंसारी ने इस जमीन की खरीदारी में करोड़ों का घपला किया। साथ उन्होंने इस मामले पर उच्च-स्तरीय जाँच की मांग की।

आप नेता संजय सिंह ने अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय को भी घोटाले में घसीट लिया और उनपर भी धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था। संजय सिंह की माने तो 18 मार्च 2021 को यह जमीन शाम को 7 बजकर 10 मिनट पर 2 करोड़ रुपए में खरीदी गई और 5 मिनट बाद खरीदी गई जमीन को राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने साढ़े 18 करोड़ रुपए में खरीदा।

खैर, आपको बता दें कि यह वही संजय सिंह हैं जो देशद्रोह के आरोप में नामित थे और पहले भी राम जन्मभूमि पर विवादित बयान देने के लिए सुर्ख़ियों में रहे थे। साथ ही उत्तर-प्रदेश में 2022 में विधानसभा चुनाव भी होने जा रहे हैं, तो उस चुनावी भंवर में 'आप' भी गोते लगाने के मूड है और कल के प्रेस कॉन्फ्रेंस से उन्होंने इसपर मोहर भी लगा दिया। किन्तु, संजय सिंह उस समय क्यों चुप्पी साध लेते हैं जब भारत का सर्वोच्च न्यायालय आम आदमी पार्टी से विज्ञापन पर खर्च किए गए पैसों का हिसाब मांगता है, या तब जब लोग चुनाव के दौरान लिए चंदे का हिसाब मांगते हैं?

बाकि भी राजनीति चमकाने में जुटे!

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की पूर्व सत्ताधारी पार्टी समाजवादी पार्टी ने भी यही आरोप लगाया और उत्तर प्रदेश में अपना अस्तित्व खोज रही कांग्रेस पार्टी ने भी यही आरोप लगा रही है। बहरहाल, दोनों पार्टियों के भी गजब कारनामें हैं। सपा पर तो सैफई महोत्स्व में नाच गाना करवाने के लिए सरकारी पैसों के इस्तेमाल का आरोप लगा था और कांग्रेस ही वह पार्टी है जिसने श्री राम को काल्पनिक कहा था और अब स्वयं राहुल गांधी ट्वीट कर कह रहे हैं "श्रीराम स्वयं न्याय हैं, सत्य हैं, धर्म हैं- उनके नाम पर धोखा अधर्म है!"

क्या कहा ट्रस्ट के अध्यक्ष चम्पत राय ने?

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' ट्रस्ट के अध्यक्ष चम्पत राय ने बताया कि ट्रस्ट ने निर्माणाधीन राम मंदिर के पास-पड़ोस के छोटे-बड़े मंदिरों और गृहस्थों की जमीन खरीदना आवश्यक था। साथ ही परकोटा व रीटेनिंग दीवार की वस्तु में सुधार, पूर्व-पश्चिम दिशा में आवागमन की सुविधा, खुला मैदान रखने के लिए और सुरक्षा की दृष्टि से ऐसा करना भी आवश्यक था। उन्होंने यह भी कहा कि जिनसे भूमि खरीदी जा रही है उनके पुनर्वास की व्यवस्था भी ट्रस्ट कर रही है।

चंपत राय ने स्पष्ट रूप से बताया कि 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' ट्रस्ट ने अब तक जितनी भी भूमि खरीदी है, उसे कम कीमत पर खरीदा गया है क्योंकि "उस भूमि को बेचने वालों ने वर्षों पूर्व अनुबंध करा लिया था। मार्च 18, 2021 को इसका बैनामा हुआ। फिर ट्रस्ट के साथ अनुबंध किया गया।"

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