उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (यूपी एटीएस) ने मानव तस्करी के आरोप में एक बांग्लादेशी और उसके दो रोहिंग्या साथियों को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया है। यूपीएटीएस के अधिकारियों ने म्यांमार की दो लड़कियों को भी गिरोह के सदस्यों के चंगुल से छुड़ाया, जिनकी पहचान मोहम्मद नूर, रहमतुल्ला और शबीउल्लाह के रूप में हुई।
इन लड़कियों की उम्र 16 और 18 साल है।
एडीजी, कानून और व्यवस्था, प्रशांत कुमार ने कहा कि, "मोहम्मद नूर एक बांग्लादेशी और गिरोह का मास्टरमाइंड है, जबकि रहमतुल्लाह और शबीउल्लाह रोहिंग्या हैं। गिरोह के सदस्य मानव तस्करी, सोने की तस्करी और महिलाओं और बच्चों सहित कई चैनलों के माध्यम से देश में अन्य शरणार्थियों की मदद करने में जुटे हैं।"
एडीजी ने कहा कि नूर म्यांमार की महिलाओं को शादी का झांसा और पुरुषों को नौकरी का झांसा देता था। बाद में, उसने बांग्लादेश के रास्ते अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर उन्हें कारखानों में नौकरी दिला दी।
कुमार ने कहा, "उन्होंने भारतीय पहचान के अपने फर्जी प्रमाण पत्र भी तैयार किए, जबकि महिलाओं की तस्करी भी की गई।"
मानव तस्करी सांकेतिक इमेज(pixabay)
उधर, एटीएस के महानिरीक्षक गजेंद्र कुमार गोस्वामी ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के आधार पर उन्होंने गाजियाबाद रेलवे स्टेशन में दो लड़कियों के साथ गिरोह के सदस्यों को ट्रैक किया और मंगलवार को ब्रह्मपुत्र मेल के जरिए दिल्ली जाते वक्त उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
आईजी एटीएस ने कहा, "हमने तीन को गिरफ्तार किया है और दो लड़कियों को लखनऊ के आशा ज्योति केंद्र भेज दिया है। हम उनसे बाद में पूछताछ करेंगे।"(आईएएनएस-PS)