महामारी के दौरान भारत में स्मार्टफोन पर बिताए गए दैनिक समय में औसतन 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह दावा सोमवार को एक नए अध्ययन में किया गया है। स्मार्टफोन ब्रांड वीवो द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, जहां 66 प्रतिशत भारतीयों का मानना है कि स्मार्टफोन उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाता है, वहीं लगभग 70 प्रतिशत भारतीयों को लगता है कि उनके द्वारा स्मार्टफोन के लगातार बढ़ते उपयोग से मानसिक/शारीरिक स्वास्थ्य के प्रभावित होने की आशंका है।
वीवो इंडिया के ब्रांड स्ट्रेटजी के डायरेक्टर निपुन मार्या ने कहा, "महामारी के दौरान सामाजिक रूप से दूर रहने के कारण स्मार्टफोन का उपयोग खासा बढ़ा है और यह बहुत अहम हो गया है। फिर चाहे घर से पढ़ाई करना हो, या दोस्तों-परिवार से जुड़े रहना हो।"
अध्ययन में 74 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि समय-समय पर अपने मोबाइल फोन को स्विच ऑफ करने से उन्हें परिवार के साथ अधिक समय बिताने में मदद मिल सकती है। हालांकि, केवल 18 प्रतिशत उपयोगकर्ताओं ने ही वास्तव में अपने फोन को खुद स्विच ऑफ किया है।
'स्मार्टफोन और मानवीय रिश्तों पर उनके प्रभाव 2020' शीर्षक से हुए अध्ययन के अनुसार, भारत में अप्रैल 2020 में हुए लॉकडाउन (अप्रैल 2020) के समय से लोग स्मार्टफोन पर ओटीटी (59 प्रतिशत), सोशल मीडिया (55 प्रतिशत) और गेमिंग (45 प्रतिशत) में अधिक समय बिता रहे हैं।
79 प्रतिशत उपयोगकर्ताओं ने सहमति व्यक्त की कि स्मार्टफोन उन्हें अपने प्रियजनों के साथ जुड़े रहने में मदद करता है। हालांकि स्मार्टफोन एक जरूरत के तौर पर उभरा है लेकिन इसके अत्यधिक उपयोग ने इसे लत की तरह बना दिया है। स्टडी में सामने आया है कि 46 प्रतिशत लोग अन्य लोगों के साथ एक घंटे की बातचीत के दौरान कम से कम 5 बार फोन उठाते हैं। यह अध्ययन 15-45 वर्ष की उम्र के 2 हजार लोगों पर किया गया था । ( आईएएनएस )