By: Arul Louis
भगवान राम और अयोध्या में बनाए जा रहे मंदिर को 'संभावित रूप से संवेदनशील सामग्री' कहते हुए ट्विटर ने एक वीडियो को सेंसर कर दिया। जबकि इस्लामिक समूह द्वारा हिंदू धर्मस्थल को लेकर किए गए विरोध प्रदर्शन की आपत्तिजनक नारों को दिखाती तस्वीर इसी प्लेटफॉर्म पर नजर आ रही है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में राम जन्मभूमि शिलान्यास उत्सव समिति के अध्यक्ष जगदीश सिहानी ने न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर में एक डिस्प्ले का नौ सेकंड का वीडियो ट्वीट किया था। उन्होंने ट्वीट में कहा, "आज टाइम्स स्क्वायर में हमारे राम मंदिर और रामजी को देखकर मुझे बहुत गर्व हुआ। आइए, आज रात 7.30 बजे इस लाइफटाइम इवेंट का उत्सव मनाएं।"
ट्विटर ने इस वीडियो को यह संदेश लिखते हुए हटा दिया कि "इस मीडिया की सामग्री संभावित तौर पर संवेदनशील है।"
हालांकि, जब अमेरिकी मुस्लिम काउंसिल ने बुधवार को टाइम्स स्क्वायर पर विरोध किया और इसकी फोटो ट्विटर पर डालीं तो ट्विटर ने उन्हें प्रदर्शित किया, जबकि इन तस्वीरों में कई आपत्तिजनक शब्द नजर आ रहे थे। इसके बाद ट्विटर पर दोहरे वैचारिक मानदंडों का पालन करने का आरोप लगाया गया है।
ट्विटर के सीईओ जैक डोरसी ने खुद को 2018 में भारत की यात्रा के दौरान, सांप्रदायिक संदेश 'ब्राह्मणवादी पितृसत्ता को खत्म करने' वाले पोस्टर के साथ खड़े हुए दिखाया था। वहीं हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव के एक प्रभावशाली रिपब्लिकन सदस्य जिम जॉर्डन ने हाल ही में कहा था कि "आप इसे कैसे देखते हैं, इस (ट्विटर) प्लेटफॉर्म पर रूढ़िवादियों और उदारवादियों के लिए अलग-अलग नियम हैं।"(आईएएनएस)