राजस्थान के दो पैरालंपिक खिलाड़ी अवनि लेखारा और कृष्णा नागर के नाम की सिफारिश खेलों के लिए सर्वोच्च सम्मान मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार(Major Dhyanchand Khel Ratna) के लिए की गई है। दोनों ने हाल ही में आयोजित टोक्यो 2020 पैरालंपिक(Tokyo 2020 Paralympics) खेलों में स्वर्ण पदक जीते हैं। अवनि ने निशानेबाजी में दो पदक जीते, जबकि नागर ने बैडमिंटन एसएच6 वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। दोनों खिलाड़ी जयपुर के हैं और 1991 में शुरू हुए खेल रत्न के इतिहास में पहली बार एक ही शहर के दो खिलाड़ियों को इस पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है।
अवनि पैरालंपिकTokyo 2020 Paralympics या ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं। उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल एसएच1 में स्वर्ण और महिलाओं की 50 मीटर एयर राइफल एसएच1 में कांस्य पदक जीता।
हाल ही में आयोजित टोक्यो 2020 पैरालंपिक खेल।(wikimedia commons)
अवनि पुरस्कार के लिए नामांकित होने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी हैं। 2012 में, उनका एक एक्सीडेंट हो गया था, जिसके कारण उन्हें लकवा मार गया। हालांकि, बहादुर लड़की ने हार नहीं मानी और शूटिंग का अभ्यास कर सफलता हासिल की।
नागर की कहानी भी संघर्षो से भरी है। वह एक लाइलाज बीमारी से पीड़ित थे जिसके कारण उनकी लंबाई लगभग 4.2 फीट तक सीमित हो गई। उनके परिवार ने उन्हें प्रेरित किया और वह पिछले कुछ वर्षो से पैरा-बैडमिंटन पुरुष एकल एसएच 6 श्रेणी में विश्व में नंबर 2 के स्थान पर हैं। टोक्यो पैरालंपिक खेलों में नागर ने हांगकांग के चू मान काई को 21-16, 16-21, 21-17 से हराकर स्वर्ण पदक जीता।(आईएएनएस-PS)