केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय(Union Ministry of Labor and Employment) के राज्य मंत्री रामेश्वर तेली(Rameshwar Teli) ने नवीनतम आवधिक श्रम बल (Periodic Labor Force) सर्वेक्षण रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक के व्यक्तियों के लिए बेरोजगारी दर 2019-20 में 6.9 प्रतिशत थी।
2017-18 और 2018-19 में बेरोजगारी दर क्रमशः 7.7 प्रतिशत और 7.6 प्रतिशत थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (National Statistics Office), सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics and Program Implementation) द्वारा 2017-18 से आयोजित PLF सर्वेक्षण के माध्यम से रोजगार और बेरोजगारी पर डेटा एकत्र किया जाता है।
2017-18 और 2018-19 में बेरोजगारी दर क्रमशः 7.7 प्रतिशत और 7.6 प्रतिशत थी। (Wikimedia Commons)
मंत्री ने राज्यसभा में कहा कि सरकार ने अप्रैल 2021 में अखिल भारतीय त्रैमासिक स्थापना आधारित रोजगार सर्वेक्षण (एक्यूईईएस) शुरू किया है।
जुलाई-सितंबर 2021 की अवधि के लिए तिमाही रोजगार सर्वेक्षण (क्यूईएस) के दूसरे दौर के परिणाम के अनुसार, अर्थव्यवस्था के नौ चयनित क्षेत्रों में रोजगार बढ़कर 3.10 करोड़ हो गया, जो अप्रैल-जून, 2021 के दौरान कुल मिलाकर 3.08 करोड़ था। इन क्षेत्रों में सामूहिक रूप से लिया गया 2.37 करोड़, जैसा कि छठी आर्थिक जनगणना 2013-14 में बताया गया है।
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चयनित नौ क्षेत्रों में अनुमानित कुल रोजगार में, विनिर्माण का हिस्सा लगभग 39 प्रतिशत है, इसके बाद शिक्षा 22 प्रतिशत और स्वास्थ्य के साथ-साथ आईटी / बीपीओ दोनों क्षेत्रों में लगभग 10 प्रतिशत है। व्यापार और परिवहन क्षेत्र कुल अनुमानित श्रमिकों के क्रमशः 5.3 प्रतिशत और 4.6 प्रतिशत कार्यरत थे।
Input-IANS; Edited By-Saksham Nagar