वीचैट पर अमेरिकी सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबन्ध का अमेरिकी यूज़र्स ने किया विरोध

अमेरिकी यूजर्स ने वीचैट पर प्रतिबंध का किया विरोध। (Wikimedia Commons)
अमेरिकी यूजर्स ने वीचैट पर प्रतिबंध का किया विरोध। (Wikimedia Commons)
Published on
2 min read

24 अगस्त को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा लगाए गए बैन के आदेश के खिलाफ टिकटॉक ने मुकदमा करने का फैसला लिया है। उधर अमेरिका में टिकटॉक के कर्मचारी भी सरकार के खिलाफ मुकदमा करने को तैयार हैं। इससे पहले अमेरिका में वीचैट के उपभोक्ता संगठन अमेरिकन वीचैट यूजर अलायंस ने भी अपना शिकायत पत्र उत्तरी कैलिफोर्निया जिले के संघीय अदालत को भेज दिया है। टिकटॉक और वीचैट के अमेरिकी कर्मचारियों और उपयोगकतार्ओं का मानना है कि राष्ट्रपति के प्रतिबंध आदेश से उन के अधिकारों को नुकसान पहुंचाया गया है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प। (Wikimedia Commons)

अमेरिका में उपयोगकतार्ओं द्वारा टिकटॉक को 16.5 करोड़ बार डाउनलोड किया गया है। और अमेरिका में वीचैट के 190 लाख उपयोगकर्ता हैं। अमेरिकी सरकार द्वारा इन दो चीनी ऐप्स के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंध से लाखों अमेरिकी उपभोक्ताओं में असंतोष की लहर पैदा हुई है। उन का कहना है कि लोगों को इन ऐप्स का प्रयोग करने का अधिकार है। इसमें डेटा की सुरक्षा पर जो चिन्ता है वह निराधार है।

अमेरिकन वीचैट यूजर अलायंस के वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जानता है कि सोशल मीडिया सामाजिक सार्वजनिक स्थान के बराबर है। यह एक वर्ग है जहाँ लोग जानकारी साझा कर सकते हैं, सीख सकते हैं और विश्लेषण कर सकते हैं। राष्ट्रपति के प्रतिबंध आदेश से लोगों के संविधान अधिकार को क्षति पहुँचेगी।

चीनी वीडियो शेयरिंग ऐप टिकटॉक। (Pixabay)

उधर चीनी सोश्ल विज्ञान अकादमी के अनुसंधानकर्ता चाओ ची ने कहा कि वीचैट के प्रतिबंध से न केवल उपयोगकतार्ओं को बोलने की स्वतंत्रता से वंचित किया गया है, बल्कि मुक्त व्यापार के सिद्धांत का भी उल्लंघन किया गया है। दूसरे विद्वानों का मानना है कि अमेरिका के दूसरे देशों की कंपनियों को दबाव डालने की कार्यवाही से अर्थशास्त्र के बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन किया गया है और इस का परिणाम हार ही होगा।

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, ऐपल, फोर्ड, गोल्ड्मन सैक्श, इंटेल, मोर्गन स्टेनलेय आदि अमेरिकी कंपनियों ने अमेरिकी सरकार के प्रतिबंध आदेश के प्रति चिन्ता व्यक्त की। क्योंकि इस प्रतिबंध से चीनी बाजार में अमेरिकी कारोबारों की प्रतिस्पर्धा शक्ति को कम किया जाएगा।(आईएएनएस)

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com