जहां परंपरा नाकाम होती हैं, वहीं नवाचार से सहायता मिलती है : प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री ने महामारी की चुनौती से पार पाने में स्टार्ट-अप क्षेत्र की भूमिका की प्रशंसा की। (PIB)
प्रधानमंत्री ने महामारी की चुनौती से पार पाने में स्टार्ट-अप क्षेत्र की भूमिका की प्रशंसा की। (PIB)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने बुधवार को वीवाटेक के 5वें संस्करण में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मुख्य अतिथि के रूप में भाषण देते हुए कहा कि जहां परंपरा नाकाम होती हैं, वहीं नवाचार से सहायता मिलती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत (India) और फ्रांस (France) विभिन्न क्षेत्रों में मिलकर काम करते रहे हैं। इनमें प्रौद्योगिकी एवं डिजिटल सहयोग के उभरते हुए क्षेत्र हैं। यह वक्त की जरूरत है कि ऐसे सहयोग को निरंतर बढ़ाया जाए। इससे न सिर्फ हमारे राष्ट्रों, बल्कि दुनिया को भी काफी हद तक सहायता मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि इन्फोसिस फ्रेंच ओपन टूनार्मेंट के लिए तकनीक समर्थन उपलब्ध करा रही है और एटस, कैपाजेमिनी जैसी फ्रांस की कंपनियों के साथ सहयोग कर रही है, वहीं भारत की टीसीएस और विप्रो दुनिया भर की कंपनियों व नागरिकों की सेवा करने वाली दोनों देशों की आईटी प्रतिभा का उदाहरण हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, महामारी के दौरान डिजिटल (Digital) तकनीक ने मुकाबला करने, जुड़ने, सहज होने और दिलासा देने में हमारी मदद की। भारत की यूनिवर्सल और विशेष बायो मीट्रिक डिजिटल पहचान प्रणाली 'आधार' ने गरीबों को समयबद्ध वित्तीय समर्थन उपलब्ध कराने में सहायता की।

प्रधानमंत्री ने कहा, महामारी के दौरान डिजिटल (Digital) तकनीक ने मुकाबला करने, जुड़ने, सहज होने और दिलासा देने में हमारी मदद की। (Pixabay)

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया, "हमने 80 करोड़ लोगों को मुफ्त भोजन की आपूर्ति की है और कई परिवारों को रसोई गैस सब्सिडी दी है। भारत में हम कम समय में विद्यार्थियों की मदद के लिए दो सरकारी डिजिटल शिक्षा कार्यक्रमों- स्वयं और दीक्षा के संचालन में सक्षम हुए हैं।"

प्रधानमंत्री ने महामारी की चुनौती से पार पाने में स्टार्ट-अप क्षेत्र की भूमिका की प्रशंसा की। निजी क्षेत्र ने पीपीई किट, मास्क, टेस्टिंग किट आदि की कमी को दूर करने में अहम भूमिका निभाई है। डॉक्टरों ने व्यापक स्तर पर दूरस्थ चिकित्सा अपनाई, जिससे कोविड और अन्य गैर कोविड समस्याओं का वर्चुअल माध्यम से समाधान किया जा सका। दो वैक्सीन भारत में बनाई जा रही हैं और कई अन्य विकास या परीक्षण के चरण में हैं। प्रधानमंत्री ने संकेत दिए कि स्वदेशी आईटी प्लेटफॉर्म आरोग्य सेतु ने प्रभावी संपर्क अनुरेखण को सक्षम बनाया है। कोविड डिजिटल प्लेटफॉर्म से पहले ही करोड़ों लोगों को वैक्सीन सुनिश्चित करने में मदद मिल चुकी है। (आईएएनएस-SM)

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com