उत्तर प्रदेश में "धर्मांतरण रैकेट" की जांच करने वाली एजेंसी लगातार इस दिशा में अपना ध्यान केंद्रित किए हुए है। इस मामले की जांच कर रहे यूपी के आतंकवाद निरोधक दस्ते ATC ने एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया था, ताकि लोग धर्मांतरण रैकेट और इससे जुड़े किसी भी व्यक्ति के बारे में जानकारी उपलब्ध करा सकें। एटीसी को यह भी शक है कि धर्मांतरण कराने वाले इस रैकेट को विदेशों से भी सहायता प्राप्त है।
अभी हाल ही में यूपी एटीसी को इसमें एक बड़ी सफलता भी प्राप्त हुई है। सूचना के मुताबिक धर्म परिवर्तन कराने वाले इस गिरोह में से ATC ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था। यह रैकेट खासकर मूक – बाधिर बच्चों और महिलाओं का जबरन धर्म परिवर्तन कराता है। आपको जान कर हैरानी होगी कि जबरन धर्म परिवर्तित कराने वाले इस गिरोह में से एक व्यक्ति हिन्दू धर्म से संबंध रखता है। फिर आखिर वह मुस्लिम कैसे बना? क्यों उसने अपना धर्म परिवर्तन किया? आइए जानते हैं इसके बारे में।
मोहम्मद उमर गौतम (Mohd Umar Gautam), जो धर्मांतरण रैकेट का एक हिस्सा है। यूपी पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते के अनुसार, उसे 20 जून को इस्लामिक दबाह केंद्र के एक कर्मचारी मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी के साथ गिरफ्तार किया गया था। आपको बता दें कि जांच के मुताबिक मोहम्मद उमर गौतम पहले एक हिन्दू था। जिसने कुछ साल पहले ही अपना हिन्दू धर्म छोड़, मुस्लिम धर्म को अपना लिया था। मोहम्मद उमर गौतम का असली नाम श्याम प्रताप सिंह गौतम है। यह और इसका पूरा परिवार राजधानी दिल्ली में बाटला हाऊस, जामिया नगर में रहता है। उमर की गिरफ्तारी के बाद मीडिया द्वारा उसकी पत्नी रजिया से बात की गई। रजिया जो 51 वर्षीय उमर की पत्नी है। रजिया और उमर की शादी को 30 साल से ज्यादा हो चुके हैं। यह दोनो मूल रूप से फतेहपुर सीकरी के राजपूत परिवारों से संबंध रखते हैं।
यह रैकेट खासकर मूक – बाधिर बच्चों और महिलाओं का जबरन धर्म परिवर्तन कराता है। (Pixabay)
रजिया बताती हैं कि उनके पति यानी उमर की भगवान हनुमान में बड़ी आस्था थी। हर मंगलवार और शनिवार वह पूजा – पाठ करते थे, मंदिर जाना सब किया करते थे। वह बताती हैं कि हम इतने धार्मिक थे कि लोग अक्सर मुझे पुजीता कहते थे। जिसके अर्थ होता है पूजा करने वाला। उत्तर प्रदेश में एक प्रथा है माघी स्नान की, माघी स्नान एक वार्षिक 30 दिवसीय अनुष्ठान है जिसमें भक्त गंगा नदी में स्नान करते हैं। हम हर साल माघी स्नान के लिए भी जाया करते थे। क्योंकि हमारी शादी किशोरावस्था में हुई थी, इसलिए उमर उस समय अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे थे।
रजिया आगे बताती हैं कि साल 1984 में उमर, उत्तराखंड में गोविंद वल्लभ पंत विश्वविद्यालय में बीएससी की पढ़ाई पूरी कर रहे थे। विश्वविद्यालय में उनके साथ एक साथी नासिर खान भी पढ़ता था। वह मुसलमान था। रजिया ने बताया कि नासिर हर हफ्ते उमर को साइकिल पर बिठा कर मंदिर ले जाता था। एक दिन उमर ने उससे पूछा कि वह उसके साथ इतने लगन के साथ मंदिर क्यों आता है। नासिर ने कहा अपने भगवान को खुश करने के लिए। मेरा धर्म मुझे अपने हकुक वालों को देखभाल करना सिखाता है। इस घटना के बाद ही उमर बिल्कुल बदल गए थे। उमर ने एक महीना बाइबल, गीता और कुरान पढ़ने में बिताया और फिर इस्लाम धर्म मे परिवर्तित हो गए। और धर्म परिवर्तन के दौरान ही उन्होनें अपना नाम भी श्याम प्रताप सिंह गौतम से मोहम्मद उमर गौतम रखा था।
उमर ने एक महीना बाइबल, गीता और कुरान पढ़ने में बिताया और फिर इस्लाम धर्म मे परिवर्तित हो गए। और धर्म परिवर्तन के दौरान ही उन्होनें अपना नाम भी श्याम प्रताप सिंह गौतम से मोहम्मद उमर गौतम रखा था। (सांकेतिक चित्र, Pixabay)
यहां आपको बता दें कि उमर गौतम का एक इस्लामिक दबाह सेंटर (IDC) चलाता है। जिसमें दावत के माध्यम से लोगों को बुलाया जाता है, और आपस में बात – विचार किया जाता है। बातचीत के दौरान व्यक्ति को धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाने के लिए सबसे पहले गीता का पाठ पढ़ाया जाता है, फिर कुरान और उसके बाद दोनों में अंतर बताते हुए जबरन गीता में से कमियों को निकाल व्यक्ति को फसाया जाता है। उस व्यक्ति को हदीस तक पढ़ाया जाता है। पूरी तरीके से व्यक्ति के मस्तिष्क को काबू में किया करने के बाद उसे जबरन धर्म परिवर्तन करने पर मजबूर किया जाता है। IDC यानी इस्लामिक दबाह सेंटर के बारे में रजिया बताती हैं कि धर्म परिवर्तन को औपचारिक रूप देने के लिए व्यक्ति को उप – मंडल मैजिस्ट्रेट द्वारा हस्ताक्षरित एक हलफनामा दाखिल करना होता है। एक बार यह हो जाने के बाद IDC उस व्यक्ति को जहांगीर कासमी द्वारा हस्ताक्षरित रूपांतरण प्रमाणपत्र जारी करता है।
लेकिन जैसे हमनें आपको बताया कि IDC जिसमें दावत के दौरान ही धर्म रूपांतरण की योजना के तहत यह कहकर बरगलाया जाता है कि "हर इंसान इस्लाम धर्म में जन्म लेता है लेकिन किसी कारण वश वो दूसरे धर्म में चला जाता है। इसी कारण से लोगों को घर वापसी यानी इस्लाम में वापसी कराना ही उसका काम है।"
आपको यह भी बता दें कि उमर गौतम की गिरफ्तारी के बाद इस बात का खुलासा हुआ है कि, जाकिर नाइक, जो भारत के लिए एक वांटेड है। भारत से भागा हुआ एक इस्लामिक धर्म गुरु है। इससे उमर गौतम को फंडिग प्राप्त होती थी। वहीं उमर गौतम ने सांसद मौलाना बदरुद्दीन अजमल के द्वारा भी फंडिंग प्राप्त होने का खुलासा किया है।
रजिया का यह भी कहना है कि हमनें किसी को भी धर्म परिवर्तन करने के लिए कभी मजबूर नहीं किया है। लेकिन ATC ने जब उमर की जांच प्रारम्भ की, तब पता चला कि उसने लगभग 1000 हिन्दुओं का जबरन धर्मांतरण कराया है। बहरहाल मोहम्मद उमर गौतम को यूपी ATC द्वारा गिरफतार कर लिया गया है। लेकिन देश में अब भी ऐसे कई गिरोह चल हैं जिनका पता चलना बहुत आवश्यक है।