‘राफेल’ क्यूँ है इतना खास? जानें इसकी क्षमता और विशेषताओं के बारे में

30,000 फीट पर भारत आ रहे राफेल लड़ाकू विमान की तस्वीर(Image: Twitter Handle Of ‘India In France’)
30,000 फीट पर भारत आ रहे राफेल लड़ाकू विमान की तस्वीर(Image: Twitter Handle Of ‘India In France’)

भारतीय वायु सेना की सैन्य ताकत आज और भी ज़्यादा बढ़ गयी है, वजह? कल फ़्रांस से उड़ान भरने के बाद, 5 राफेल विमानों की आज हरियाणा के अंबाला स्थित एयर बेस पर लैंडिंग हो चुकी है। यह 5 राफेल लड़ाकू विमान, 2016 में फ़्रांस और भारत के बीच हुए 59000 करोड़ रुपये के सैन्य सौदे का हिस्सा है, जिसके तहत फ़्रांस की DASSAULT AVIATION भारत को 36 राफेल विमान प्रदान करने वाली है। उन 36 विमानों में यह 5 विमान, पहले चरण में कल, फ़्रांस से भारत के लिए रवाना हुए थे, जो अब 7000 किमी की दूरी को तय करने के बाद, आज भारत पहुँच चुके हैं। बाकी बचे 31 विमान भी 2021 तक डेलीवर कर दिये जाएंगे। 

जानिए, क्या खास है इन विमानों में, जिसके लिए आज पूरा देश खुशी मना रहा है। 

  • राफेल का कॉमबैट रेडियस 3700 किमी है, जिसका अर्थ यह है की, यह विमान एक उड़ान में 3700 किमी तक के रेडियस में सफलतापूर्वक अपने दुश्मनों पर हमला कर के वापस लौट सकता है। वहीं, इसके टक्कर वाले चीन के J20 लड़ाकू विमान का कॉमबैट रेडियस मात्र 3400 किमी है।  
  • यह विमान, मिटियोर मिसाइल, स्कैल्प मिसाइल व हैमर मिसाइल से लैस होगा। 
  • मिटियोर मिसाइल की मारक क्षमता 150 किमी है, तो वहीं, स्कैल्प मिसाइल 300 किमी तक के लक्ष्य को भेदने में सक्षम होगा। जबकि हैमर मिसाइल का प्रयोग, कम दूरी वाले लक्ष्य पर प्रहार करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। 
  • आपको बता दें की, भारत के राफेल को टक्कर देने के लिए चीन के पास J20 मौजूद है, तो वहीं पाकिस्तान के पास F16 है। 
  • अगर इन लड़ाकू विमानों की तुलना की जाए, तो पाकिस्तान का F16, राफेल के सामने कुछ भी नहीं है, लेकिन चीन का J20 विमान कुछ हद्द तक राफेल को टक्कर दे सकता है। 
  • आपको हमने बताया था की राफेल में मौजूद स्कैल्प मिसाइल, 300 किमी तक के लक्ष्य को भेदने में सक्षम होगा, लेकिन बात अगर पाकिस्तान के F16 की करें तो इसमें मौजूद एमरैम मिसाइल, अधिकतम 100 किमी तक के लक्ष्य को ही भेद पाता है, जबकि चीन के J20 विमान में मौजूद PL15 मिसाइल की मारक क्षमता 300किमी है और PL21 मिसाइल की मारक क्षमता 400किमी के लगभग है। 
  • बात अगर 'रेट ऑफ क्लाइम्बिंग' अर्थात ऊंचाई हासिल करने की क्षमता की करें तो पाकिस्तानी F16 एक मिनट में 15240 मीटर की ऊंचाई हासिल कर सकता है, जबकि भारतीय राफेल, 1 मिनट में 18000 मीटर की ऊंचाई को हासिल करने में सक्षम है। चीनी J20 की बात करें तो इसकी क्षमता राफेल से थोड़ी ज़्यादा, मतलब 18240 मीटर प्रति मिनट है। 
  • रफ्तार के मामले में राफेल का कोई मुक़ाबला नहीं है। पाकिस्तान की F16 की अधिकतम रफ्तार, 2100 किमी प्रति घंटे है, तो वहीं चीनी J20 की रफ्तार, 2414 किमी प्रति घंटे है, लेकिन राफेल, इस सब से ज़्यादा, 2450 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आसमान में दौड़ लगा सकता है। 
  • राफेल विमान अपने साथ, हवा में 26000 किलोग्राम तक का वजन भी उठा सकता है। 
  • राफेल की गोलियां बरसाने की क्षमता का भी कोई जवाब नहीं है। यह विमान, दुश्मनों पर 1 मिनट में 2500 राउंड गोलियां दागने की क्षमता रखता है।
  • राफेल का राडार सिस्टम भी अत्यधिक मजबूत है। इस राडार की मदद से 100 किमी तक में 40 निशाने को एक बार में साधा जा सकता है, जबकि पाकिस्तानी F16 में मौजूद राडार, सिर्फ 84 किमी के रेडियस  में 20 निशाने को ही साधने में सक्षम है। 

इन आंकड़ों से आप समझ सकते हैं कि राफेल के आने से भारत कि सैन्य ताकत को कितना बल मिला है। डील के मुताबिक, बाकी के 31 राफेल विमान अगले साल के अंत तक भारत आ जाएंगे, लेकिन रक्षा विशेषज्ञों कि माने तो आज आए ये 5 राफेल विमान भी दुश्मनों के पसीने छुड़ाने के लिए काफी है। 

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