चुनाव नहीं, किसानो के लिए लडूंगा-राकेश टिकैत

चुनाव नहीं, किसानो के लिए लडूंगा-राकेश टिकैत। (IANS)
चुनाव नहीं, किसानो के लिए लडूंगा-राकेश टिकैत। (IANS)

देश में किसान लगभग एक साल तक चले किसान आंदोलन(Farmer's Protest) के पोस्टर बॉय और भारतीय किसान यूनियन(Bhartiye Kisaan Union) के राष्ट्रिय प्रवक्ता राकेश टिकैत(Rakesh Tikait)) का कहना है की एक साल तक उन्होंने जो तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करवाने के लिए उन्होंने जो संघर्ष किया उससे वो खुश हैं और उनका चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है।

उन्होंने आगे कहा की किसानो का यह संघर्ष सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। बुधवार को जब राकेश टिकैत जब दिल्ली से मुज़फ्फरनगर लौट रहे थे तो जगह-जगह उनके राजनीतिक होर्डिंग्स लगे हुए थे, टिकैत ने ऐसे लोगों को होर्डिंग्स पर उनकी तस्वीर न लगाने की चेतावनी दी और यह स्पष्ट किया की उनका किसी राजनितिक दल से कोई लेना-देना नहीं है।

राकेश टिकैत ने ये सब बातें बुधवार देर रात सिसौली गाँव में किसानो को सम्बोधित करते हुए कही।

टिकैत ने आगे कहा, "साल भर तक किया गया हमारा संघर्ष सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा और मैं हमेशा किसानो के लिए लड़ता रहूँगा।"

टिकैत अपने समर्थकों के एक बड़े जुलूस में सिसौली पहुंचे और पूरे रास्ते फूलों से रैली में वर्षा की गई।

मेरठ-मुजफ्फरनगर राजमार्ग पर हर चौराहे पर 'लड्डू' बांटे गए और गाजीपुर सीमा से मुजफ्फरनगर तक हर 25 किलोमीटर पर लंगर का आयोजन किया गया।

टिकैत की पत्नी सुनीता देवी ने जाट कॉलोनी स्थित अपने घर में उनका स्वागत करने के लिए सैकड़ों दीये जलाए। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "मेरे पति आज 383 दिनों के बाद घर आ रहे हैं। उनके स्वागत में मुझे जितने दीपक जलाने चाहिए, उतने कम नहीं होंगे। जैसे भगवान राम अयोध्या वापस आए, मेरे राम आज घर आ रहे हैं।" किसान आंदोलन शुरू होने के बाद से टिकैत घर नहीं गए थे।

Input-IANS; Edited By- Saksham Nagar

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