विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस 2021!

किताबें हमारे दिमाग को उत्तेजित करती हैं और हमारे कल्याण को बढ़ावा देती हैं। (Pexel)
किताबें हमारे दिमाग को उत्तेजित करती हैं और हमारे कल्याण को बढ़ावा देती हैं। (Pexel)
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मलाला यूसूफ़जई (Malala Yousafzai) कहती हैं : हम याद रखें कि, एक किताब, एक कलम, एक बच्चा और एक शिक्षक दुनिया को बदल सकते हैं।

सम्पूर्ण विश्व साहित्य में 23 April का दिन एक प्रतीकात्मक तिथि मानी जाती है। यह वह तारीख है, जिस दिन कई प्रमुख लेखकों जैसे,विलियम शेक्सपियर (William Shakespeare), मिगुएल डे सर्वेंट्स (Miguel de Cervantes) और इंका गार्सिलसो डी ला वेगा (Inca Garcilaso de la Vega) आदि इन सभी की मृत्यु हो गई थी। तभी से सन् 1955 से यह तारीख पेरिस में आयोजित यूनेस्को के सम्मेलन के लिए एक अहम दिन बन गया है। तभी से यूनेस्को ने इस तारीख पर पुस्तकों और लेखकों को विश्वव्यापी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए और संपूर्ण विश्व को पुस्तकों का उपयोग करने के लिए, साहित्य को समझने के लिए प्रोत्साहित करना शुरू कर दिया। 

विश्व पुस्तक दिवस (World Book Day) और कॉपीराइट दिवस (Copyright Day) पुस्तकों को पढ़ने और पुस्तकों से जुड़े आनंद को बढ़ावा देने के लिए यह एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। हर साल 23 अप्रैल को, पुस्तकों के महत्व व उनके दायरे को पहचानने के लिए दुनिया भर में समारोह होते हैं। अतीत और वर्तमान के बीच यह दिन एक पुल की तरह काम करता है। जहां साहित्य, संस्कृति, इतिहास और लेखकों के अतीत को वर्तमान से जोड़ा जाता है। 

इस अवसर पर यूनेस्को (UNESCO) और अंतर्राष्ट्रीय संगठन, पुस्तक उद्योगों के तीन प्रमुख क्षेत्रों, प्रकाशकों, बुक्सेलर्स और पुस्तकालयों का प्रतिनिधित्व करते हैं। अपनी स्वयं के पहल के माध्यम से एक दिन के लिए यूनेस्को इस पुस्तक दिवस में लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनता है। पूरा विश्व पुस्तकों से, अनगिनत साहित्य, कविताओं,सच्ची कहानियों आदि सभी से जुड़े, उन्हें समझें और पुस्तकों का अपने जीवन में दायरा बढ़ाएं। 

यूनेस्को इस पुस्तक दिवस में लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनता है। (Pexel)

यूनेस्को कहता है कि, किताबें हमारे दिमाग को उत्तेजित करती हैं और हमारे कल्याण को बढ़ावा देती हैं। किताबें हमें अतीत के उन लेखकों से मिलाती है, जिन्होंने साहित्य लेखन में, पुस्तक लेखन में अपना योगदान दिया था।

पिछले वर्ष अधिकांश देशों ने अपना जीवन लॉकडाउन में व्यतीत किया। यूनेस्को ने बताया कि, इस दौरान, पुस्तकों (Books) ने लोगों के बीच संबंधों को मजबूती प्रदान की है। हमारे क्षितिज का विस्तार किया है। हमारे दिमाग और रचनात्मकता को उत्तेजित किया है। कुछ देशों में तो अब पढ़ी जाने वाली पुस्तकों की संख्या दोगुनी हो गई है। 

यूनेस्को ने कहा कि, पढ़ने, वर्ल्ड बुक डे और कॉपीराइट दिवस के उत्सव के माध्यम से हम दूरी होने के बावजूद भी खुद को एक – दूसरे के निकट ला सकते हैं। 

यूनेस्को ने इस साल बुक फेस चैलेंज  (bookfaceChallenge) बनाया है। इस चैलेंज के माध्यम से विजेता की तस्वीर को यूनेस्को के वेबपेज पर शामिल किया जाएगा। यूनेस्को ने अपने बयान में यह भी कहा कि, किताबों के कवर, उन्हें खरीदने में अहम भूमिका निभाते हैं। कवर देख कर अक्सर किताबों का चुनाव किया जाता है। कवर देखकर ही हम अक्सर निर्णय लेते हैं, उन्हें खरीदने का या पढ़ने का। 

विश्व पुस्तक दिवस और कॉपीराइट दिवस के मौके पर यूनेस्को ने कोरोना काल में, किताबों की अहमियत को दर्शाया है और कहा है कि, इस दिन सभी लोगों को किताबें पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना बहुत जरूरी है। 

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