ट्विटर पर छाए योगी, ट्रेंड करता रहा ‘योगीजी नंबर 01

ट्विटर पर छाए योगी, ट्रेंड करता रहा ‘योगीजी नंबर 01

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की धमक सोशल मीडिया पर भी बरकरार है। शनिवार को एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी का जलवा सोशल मीडिया पर देखने को मिला। शनिवार शाम से ही Twitter India पर हैश टैग योगीजी नंबर 01 टॉप-1 में ट्रेंड करता रहा। शाम तक मुख्यमंत्री Yogi Adityanath के समर्थन में हजारों ट्वीट हो चुके थे। सोशल मीडिया पर यूजर्स बोले- मुख्यमंत्री योगी ने आमजन की धारणा को विकास, विश्वास और सुशासन में बदला, कभी बीमारू और पिछड़ा माना जाने वाला उत्तर प्रदेश योगी के राज में विकास के क्षितिज पर छाया हुआ है।

लोगों ने यूपी की कानून व्यवस्था को शानदार बताते हुए योगी की जीरो टॉलरेंस नीति और अपराधियों को 'बेल नहीं जेल पसंद' होने की बात कही तो कइयों ने कोविड काल मे चीन से यूपी शिफ्ट हुई तमाम कम्पनियों के हवाला देते हुये उत्तर प्रदेश को उद्यम प्रदेश लिखा।

उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। (VOA)

इससे पहले साल के पहले दिन प्रधानमंत्री Narendra Modi ने सभी जरूरतमंद लोगों को आवासीय सुविधा देने की अभिनव योजना 'पीएम आवास योजना (शहरी)' में सबसे अच्छा काम उत्तर प्रदेश में होने के लिये योगी को सम्मानित किया था। यही नहीं, प्रधानमंत्री ने इस योजना के अन्तर्गत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले नगर निकाय (नगर पालिका परिषद श्रेणी) में मिजार्पुर नगर पालिका परिषद तथा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले नगर निकाय (नगर पंचायत श्रेणी) के अन्तर्गत प्रदेश की मलिहाबाद व हरिहरपुर नगर पंचायत तथा उत्कृष्ट पूर्ण आवास हेतु जनपद लखनऊ, आजमगढ़, हापुड़ के 03 लाभार्थियों को भी पुरस्कृत किया। योगी के इस प्रयास को सोशल मीडिया यूजर्स ने भी सलाम किया।

2020 में देश के सबसे तेज मुख्यमंत्रियों के लिए हुए सर्वे में योगी नंबर वन बनकर उभरे। एक न्यूज चैनल के सर्वे में वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, बंगाल की ममता बनर्जी, राजस्थान के अशोक गहलोत और मध्यप्रदेश के शिवराज सिंह चौहान पर भारी पड़े। सर्वे में नम्बर दो पर रहे उद्धव ठाकरे और योगी को मिले वोटों में भी खासा फर्क रहा। ऐसा पहली बार नहीं हुआ। कुछ माह पहले फेम इंडिया की रिपोर्ट में सबसे प्रभावशाली भारतीयों की सूची में योगीजी सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री चुने गये हैं। अपनी ईमानदार छवि, कठोर निर्णय लेने की क्षमता तथा बुलंद इरादे की वजह से वह देश के सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पीछे छोड़ते हुए नंबर वन बने थे।(आईएएनएस)

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