By : विवेक त्रिपाठी
बुंदेलखंड के बीहड़ों में योगी सरकार ने रोजगार की पौध रोप दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल से बुंदेलखंड में रोजगार की उम्मीदों को नई उपजाऊ जमीन मिल गई है। राज्य सरकार ने ब्रिटिश कंपनी एबी मौरी को इंडस्ट्री लगाने के लिए चित्रकूट में जमीन का आवंटन कर दिया है। 400 करोड़ रुपये का निवेश कर कंपनी बुंदेलखंड में सबसे बड़ा ईस्ट उत्पादन केंद्र बनाने जा रही है।
दुनिया की सबसे अधिक ईस्ट उत्पादन करने वाली कंपनी बुंदेलखंड में युवाओं के रोजगार का बड़ा जरिया बनने जा रही है। कंपनी 5 हजार से ज्यादा युवाओं को सीधे तौर से रोजगार मुहैया कराएगी, जबकि 25 हजार से ज्यादा लोगों को अप्रत्यक्ष तौर से व्यापार और रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
डकैतों की सबसे बड़ी शरण स्थली के रूप में कुख्यात रहे बुंदेलखंड के बीहड़ों में अब रोजगार और विकास के अंकुर फूटने लगे हैं। वर्षों से गरीबी, बेरोजगारी और पिछड़ेपन की मार झेल रहे बुंदेलखंड के लाखों चेहरों पर योगी सरकार ने मुस्कान विखेर दी है। यूपीसीडा ने बुंदेलखंड में औद्योगिक निवेश और रोजगार उपलब्ध कराने की प्रक्रिया के तहत चित्रकूट के बरगढ़ में ब्रिटिश कंपनी एबी मौरी को 68 एकड़ भूमि आवंटित कर दी है।
योगी सरकार की नई औद्योगिक निवेश नीति और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की सरल प्रक्रिया को देखते हुए कोविड-19 महामारी के दौरान ही कंपनी ने नवंबर 2020 में यूपीसीडा में निवेश मित्र के माध्यम से आवेदन किया था। बुंदेलखंड में निवेश के इस प्रस्ताव को हाथों हाथ लेते हुए राज्य सरकार ने मेगा इकाई आवेदन को स्वीकार करते हुए 15 दिन के रिकार्ड समय में निवेश मित्र के माध्यम से भूमि आवंटित कर दी।
कंपनी चित्रकूट के बरगढ़ में बेकर्स ईस्ट (खमीर उत्पादन) की बड़ी इकाई स्थापित करेगी। कंपनी 400 करोड़ से अधिक का निवेश कर बरगढ़ और आस-पास के क्षेत्रों में 5000 से अधिक प्रत्यक्ष और 25 हजार तक अप्रत्यक्ष रोजगार व व्यापार उपलब्ध करायेगी। कंपनी जर्मन और स्पेन की मशीनें लगा कर 33,000 मिलियन टन ईस्ट का उत्पादन जीरो लिक्विड डिस्चार्ज परियोजना के तहत करेगी।
एबी मौरी खाद्य खमीर उत्पादन उद्योग में विश्व की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है। कंपनी ब्रिटिश फूड्स ग्रुप की 1.2 बिलियन यूएस डॉलर्स के टर्नओवर की कम्पनी है। इसके 32 देशों में 52 प्लांट्स और विश्व में 45 प्रतिशत ईस्ट उत्पादन बाजार पर अधिकार है।
जमीन आवंटन होने के साथ ही कंपनी ने इकाई निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। अगले कुछ महीनों के भीतर ही कंपनी ईस्ट उत्पादन शुरू करने के लक्ष्य पर काम कर रही है। योगी सरकार की योजना कंपनी का उत्पादन शुरू होने के बाद ईस्ट आयात करने की जगह ईस्ट निर्यात करने की स्थिति बन सकती है।
ईस्ट उत्पादन इकाई द्वारा मुख्य फसल के रूप में गन्ना एवं गेहू का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे बुंदेलखंड समेत आस पास के किसानों को भी सीधा फायदा होगा। गन्ने और गेहूं की उपज कंपनी सीधे किसानों से खरीदेगी। बुंदेलखंड के स्थानीय बाजारों और मंडियों को नई पहचान मिलने के साथ ही दुनिया में बुंदेलखंड की एक नई छवि भी उभर कर सामने आएगी।
यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी के मुताबिक ईस्ट उत्पादन इकाई द्वारा मुख्य फसल के रूप में गन्ना एवं गेहू का इस्तेमाल किया जाएगा। गन्ने और गेहूं की उपज कंपनी सीधे किसानों से खरीदेगी। बुंदेलखंड के स्थानीय बाजारों और मंडियों को नई पहचान मिलेगी। यूपीसीडा द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान प्रदेश में 191 इकाइयों को 167 एकड़ भूमि आवंटित की गयी है जिसमे 1457 करोड़ का निवेश एवं 19596 का रोजगार प्रदेश में उपलब्ध कराया गया है। (आईएएनएस)