उत्तर प्रदेश सरकार ने कैबिनेट बैठक में आज एक अहम फैसला लिया है जो हो सकता है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में भी असर डालें। दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार ने 1970 के दशक में पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित हुए 63 हिंदू बंगाली परिवारों के पुनर्वास के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। परिवारों को कानपुर (ग्रामीण) के भैसाया गांव में 121.41 हेक्टेयर भूमि पर बसाया जाएगा। इसके अलावा उन्हें मकान निर्माण के लिए 1.20 लाख रुपये का अनुदान भी प्रदान किया जाएगा साथ ही साथ मनरेगा के तहत काम भी दिया जाएगा।
इस पर राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा, प्रत्येक परिवार को 2 एकड़ भूमि कृषि प्रयोजनों के लिए और 200 वर्ग मीटर भूमि आवास के लिए 1 रुपये के पट्टे पर 30 वर्ष की अवधि के लिए दी जाएगी, जिसे 90 वर्ष तक नवीकरणीय किया जाएगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये परिवार पहले मेरठ के हस्तिनापुर में बसे थे और मदन यार्न मिल में काम कर रहे थे, जो 1984 में बंद हो गया था। इसके बाद से परिजन पुनर्वास की मांग कर रहे हैं।1970 में, केंद्र ने ओडिशा और उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में 332 विस्थापित हिंदू परिवारों का पुनर्वास किया था।
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बता दे इसके पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तात्कालिक अखिलेश सरकार के समय कैराना से पलायन कर चुके हिंदू परिवारों की वापसी भी करवाई है जिस पर खूब घमासान मचा था। यह देखने वाली बात रहेगी कि इस फैसले पर मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति किस हद तक होती है।
input : आईएएनएस ; Edited by Lakshya Gupta