श्रीलंका के इस्लामिक स्टेट के नेता जहरान हाशिम के वीडियो और भाषणों का इस्तेमाल तमिलनाडु के युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए 'जिहादी' गिरोह 'शहादत हमारा मकसद' (शहादत इज आवर गोल) की ओर से किया गया था। जिहादी गिरोह ने 2017-2018 के दौरान तमिलनाडु में युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर जेलों में बंद अपने साथियों को आजाद कराने के लिए हिंसक जिहाद का आह्वान किया था।
इस गिरोह की ओर से विभिन्न सोशल मीडिया ग्रुप बनाए गए थे। विशेष रूप से व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए थे, जिन पर कुछ समय बाद ही क्षेत्र में हिंसक जिहाद की वकालत करने वाली सामग्रियों को प्रसारित करना शुरू कर दिया गया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार को चेन्नई की विशेष अदालत में गिरोह के 10 गिरफ्तार सदस्यों के खिलाफ दायर अपने आरोपपत्र (चार्जशीट) में इन तथ्यों का खुलासा किया है।
श्रीलंका का मौलवी हाशिम 2019 में ईस्टर संडे को देश की राजधानी कोलंबो के साथ-साथ नेगोंबो और बाटिकालोवा शहरों में हुए बम हमलों के पीछे कथित मास्टरमाइंड था। इस घातक धमाके में 45 बच्चों और 40 विदेशी नागरिकों सहित 250 से अधिक लोग मारे गए थे।
मामले में शेख दाऊद (33), मोहम्मद रिफास (37), मुपरिश अहमद (23), अबूबकर सिद्दीक (24), हमीद असफर (23), मोहम्मद राशिद (25), लियाकत अली (30), अहमद इम्तियास (31), साजिथ अहमद (23) और रिजवान मोहम्मद (26) पर आईपीसी की संबंधित धाराओं, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं।
यह मामला मूल रूप से 2 अप्रैल, 2018 को तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के केलाकरई पुलिस स्टेशन में मोहम्मद रिफास, मुपरिश अहमद और अबूबकर सिद्दीक की गिरफ्तारी के बाद दर्ज किया गया था। (आईएएनएस)