BRICS देशों को संयुक्त राष्ट्र मामलों में बड़ी भूमिका निभानी चाहिए|

ब्रिक्स और विकासशील देशों को संयुक्त राष्ट्र मामलों में बड़ी भूमिका निभानी चाहिए। (Twitter)
ब्रिक्स और विकासशील देशों को संयुक्त राष्ट्र मामलों में बड़ी भूमिका निभानी चाहिए। (Twitter)
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ब्रिक्स देशों (BRICS Countries) के विदेश मंत्रियों ने हाल में एक वीडियो बैठक के दौरान सर्वसम्मति से संयुक्त राष्ट्र तंत्र में सुधार की उम्मीद जताई। उनका मानना है कि ब्रिक्स और विकासशील देशों को संयुक्त राष्ट्र मामलों में बड़ी भूमिका निभानी चाहिए। विदेश मंत्रियों का कहना है कि सुधारित बहुपक्षीय प्रणाली के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में समस्याओं को हल करने की जरूरत है। विकासशील देशों के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र और उसकी सुरक्षा परिषद में अधिक सुधार लाना चाहिए।

उधर संयुक्त राष्ट्र में, विशेषकर सुरक्षा परिषद में बड़ी भूमिका निभाने की भारत की कई वर्षो से मांग रही है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल आयोजित 75वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा कि संयुक्त राष्ट्र के तंत्र में तत्काल सुधार की आवश्यकता है और भारत को संयुक्त राष्ट्र में एक बड़ी भूमिका निभाने की उम्मीद है।

ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की वीडियो बैठक में चीन (China) और रूस (Russia) ने अंतर्राष्ट्रीय मामलों में ब्राजील, भारत और दक्षिण अफ्रीका की स्थिति और भूमिका के महत्व और इन देशों की संयुक्त राष्ट्र में बड़ी भूमिका निभाने की इच्छा का समर्थन प्रकट किया। कुछ भारतीय मीडिया ने इस बात की ऐसी व्याख्या की है कि चीन और रूस, भारत को सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने का समर्थन कर रहे थे।

कई वर्षो से, भारत (India), जापान, जर्मनी और ब्राजील ने सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों की श्रेणी में शामिल होने की प्रबल आशा की है। स्थायी सदस्यता में सुधार के संबंध में, जर्मनी ने प्रस्तावित किया कि यूरोपीय संघ को एक पूरे के रूप में शामिल होना चाहिए। जापान ने स्थायी सदस्यता में शामिल होने और अधिक जिम्मेदारियों को निभाने की निरंतर उम्मीद जताई है। जबकि भारत, दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से एक के रूप में, भी समान अभिलाषा व्यक्त करता रहा है।

कई वर्षो से, भारत (India), जापान, जर्मनी और ब्राजील ने सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों की श्रेणी में शामिल होने की प्रबल आशा की है। (सोशल मीडिया)

हालांकि, द्वितीय विश्वयुद्ध (2nd World War) के बाद विश्व शांति बनाए रखने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों की स्थापना की गई थी। उस समय जापान और जर्मनी द्वितीय विश्व युद्ध के उद्गम स्थल थे, जबकि भारत और ब्राजील को स्वतंत्रता नहीं मिली थी। निष्पक्षता और न्याय के सिद्धांत को प्रदर्शित करने के लिए, संयुक्त राष्ट्र ने सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों के अलावा कई गैर-स्थायी सीटों को जोड़ा है, जो दुनिया में बदलाव के अनुकूल होने के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों को दर्शाता है।

दरअसल, सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों के वीटो पावर के मुद्दे पर मौजूदा पांच स्थायी सदस्यों के रुख में कोई ढील नहीं दी गई है। रूसी उपग्रह समाचार एजेंसी के अनुसार, रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने हाल ही में एक लेख प्रकाशित कर कहा कि सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों की वीटो शक्ति को रद्द करना गैर-जिम्मेदाराना है। पुतिन द्वारा अपनी स्थिति व्यक्त करने के बाद अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने भी मौन रवैया अपनाया।

वर्तमान में, जैसे वैश्विक एकीकरण की प्रक्रिया तेज हो रही है, संयुक्त राष्ट्र के सुधार से कई दलों के हित प्रभावित होंगे। तथ्यों ने साबित कर दिया है कि पांच स्थायी सदस्यों में शांति बनाए रखने की क्षमता है। पांच स्थायी सदस्यों के बिना, दुनिया में कोई निष्पक्षता नहीं होगी। हालांकि, भले ही संयुक्त राष्ट्र के पांच स्थायी प्रतिष्ठानों में सुधार नहीं किया जाता है, फिर भी यह ब्रिक्स को संयुक्त राष्ट्र के मामलों में बड़ी भूमिका निभाने से नहीं रोकता है।

हाल ही में, रूसी विदेश मंत्रालय ने ब्रिक्स देशों के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण की स्थापना का प्रस्ताव रखा, ताकि ब्रिक्स देशों के प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय मामलों और क्षेत्रीय मुद्दों पर बोलने के अधिकार को बढ़ावा दिया जा सके, और पश्चिम द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरणों को नियंत्रित करने की स्थिति को बदला जा सके। प्रस्ताव की व्यवहार्यता पर ब्रिक्स देशों में चर्चा की जा रही है।

आखिरकार, संयुक्त राष्ट्र (UN) एक ऐसा संगठन है जो विश्व शांति और व्यवस्था, निष्पक्षता और न्याय बनाए रखता है। यदि कोई देश संयुक्त राष्ट्र मामलों में बड़ी आवाज हासिल करने की उम्मीद करता है, तो उसे विश्व मामलों में अधिक सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों ने वीडियो बैठक में सर्वसम्मति से कहा कि ब्रिक्स देश संयुक्त राष्ट्र ढांचे के भीतर वैश्विक साझेदारी के निर्माण को बढ़ावा देना जारी रखेंगे और सतत विकास के लिए संयुक्त राष्ट्र 2030 एजेंडा के कार्यान्वयन में तेजी लाएंगे।

संयुक्त राष्ट्र में एक बड़ी भूमिका निभाने के लिए ब्रिक्स को बढ़ावा देना भी अंतर्राष्ट्रीय मामलों में अधिक सक्रिय भूमिका निभाने के लिए ब्रिक्स का हिस्सा है।

(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग) (आईएएनएस-SM)

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