बाबरी विध्वंस की बरसी पर पी.एफ.आई का विवादास्पद पोस्टर

बाबरी विध्वंस मामले में सभी आरोपियों को इसी साल सितंबर में बरी कर दिया गया है। (Wikimedia Commons)
बाबरी विध्वंस मामले में सभी आरोपियों को इसी साल सितंबर में बरी कर दिया गया है। (Wikimedia Commons)
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पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक विवादास्पद पोस्टर लगाया है, ताकि इससे समाज का एक वर्ग विशेष भड़क उठे। बाबरी मस्जिद पर कारसेवकों के बैकग्राउंड वाली तस्वीर पर पीएफआई ने लिखा, "एक दिन बाबरी का उदय होगा। 6 दिसंबर, 1992 -कहीं हम भूल ना जाएं।"

इस पोस्टर को बाबरी विध्वंस के 28वें वर्ष के मौके पर डाला गया था। हालांकि इस दिन रविवार को कहीं से भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली और दिन शांतिपूर्वक बीत गया।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल रामजन्मभूमि विवाद को सुलझाते हुए विवादित जमीन मंदिर निर्माण के लिए हिंदुओं को दे दी थी और मुस्लिम समुदाय को अयोध्या में ही मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन दी गई।

इसके अलावा विशेष अदालत ने बाबरी विध्वंस मामले में सभी आरोपियों को इसी साल सितंबर में बरी कर दिया।

इससे पहले, अगस्त में राम मंदिर निर्माण का काम भी शुरू हो चुका है और मस्जिद निर्माण की भी रूपरेखा तैयार कर ली गई है।

पीएफआई भारत में एक चरमपंथी और उग्रवादी इस्लामी कट्टरपंथी संगठन है, जो 2006 में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (एनडीएफ) के उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाता है। इसके सदस्य अक्सर राष्ट्रविरोधी और असामाजिक गतिविधियों में शामिल होते रहे हैं।

हाल ही में, पीएफआई के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी उस वक्त हुई, जब वे कथित तौर पर जांचकर्ताओं को परेशान करने के इरादे से हाथरस जा रहे थे। (आईएएनएस)

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