अब रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी Sanskrit

अब रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी संस्कृत [Wikimedia Commons]
अब रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी संस्कृत [Wikimedia Commons]

न्यूजग्राम हिन्दी:  केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि संस्कृत की शिक्षा से छात्रों के लिए रोजगार के अधिक अवसर सृजित होंगे। संस्कृत को लेकर स्वयं केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि संस्कृत केवल एक भाषा नहीं है, यह एक भावना है। हमारा ज्ञान ही हमारा धन है। उन्होंने कहा कि विभिन्न भारतीय भाषाओं को एकजुट करने में संस्कृत का बहुत बड़ा योगदान है और अब संस्कृत विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के बहु-विषयक संस्थान बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सदियों से अपनी सभ्यता को आगे ले जाने और 'वसुधैव कुटुम्बकम' के आदशरें को प्राप्त करने की जिम्मेदारी हम सभी पर है। मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जैसा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में परिकल्पना की गई है, सरकार ने संस्कृत सहित सभी भारतीय भाषाओं को महत्व दिया है।

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा नई दिल्ली में तीन दिवसीय उत्कर्ष महोत्सव का आयोजन किया गया। इस दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि उत्कर्ष महोत्सव के आयोजन के पीछे का उद्देश्य देश भर में और उसके बाहर संस्कृत भाषा को बढ़ावा देना है। महोत्सव का फोकस है – नया शैक्षिक युग – संस्कृत अध्ययन के वैश्विक अभिविन्यास की ओर बढ़ना।

भारतीय भाषाओं को एकजुट करने में संस्कृत का बहुत बड़ा योगदान है। (Wikimedia Commons)
भारतीय भाषाओं को एकजुट करने में संस्कृत का बहुत बड़ा योगदान है। (Wikimedia Commons)

मंत्री ने कहा कि ह्वेन त्सांग के समय से लेकर आज के रायसीना संवाद तक, संस्कृत की सहजता, आधुनिकता और वैज्ञानिकता को किसी प्रमाण की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने वेदों की भाषा यानी संस्कृत के पुनरुद्धार, संस्कृत से जुड़ी भारतीयता और भाषा आधारित शिक्षा प्रणाली पर अपने विचार साझा किए। मंत्री ने आशा व्यक्त की कि उत्कर्ष महोत्सव के दौरान आयोजित विचार-विमर्श भारत को आत्मनिर्भर बनाने और वैश्विक कल्याण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए 21वीं सदी की शिक्षा प्रणाली का रोडमैप दिखाएगा।

गौरतलब है कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत लगातार क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। शिक्षा मंत्रालय के निर्देशों अनुसार जेईई और मेडिकल के लिए होने वाली एंट्रेंस परीक्षा नीट में भी इंग्लिश व 12 भारतीय भाषाओं में परीक्षा दी जा सकती है। (आईएएनएस/JS)

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