Delhi : कोयला संकट गहराया मेट्रो, अस्पतालों की बिजली हो सकती है बाधित

ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि बिजली आपूर्ति करने वाले विभिन्न थर्मल स्टेशनों में इस समय कोयले की बहुत ज्यादा कमी है।(Wikimedia Commons)
ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि बिजली आपूर्ति करने वाले विभिन्न थर्मल स्टेशनों में इस समय कोयले की बहुत ज्यादा कमी है।(Wikimedia Commons)
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कोयले (Coal) की कमी से दिल्ली में बिजली का भयंकर संकट गहरा सकता है। दिल्ली सरकार ने कोयले की इस भयंकर कमी और उससे होने वाली विद्युत आपूर्ति(Power cuts) पर चिंता जाहिर की है। दादरी और ऊंचाहार पावर स्टेशन(Power Stations) से विद्युत आपूर्ति बाधित होने से दिल्ली मेट्रो एवं अस्पताल समेत कई आवश्यक संस्थानों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति में दिक्कत आ सकती है। इस बीच दिल्ली सरकार(Delhi Government) ने केंद्र सरकार(Central Government) को पत्र लिखकर पर्याप्त कोयला देने के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। दिल्ली सरकार का कहना है कि नेशनल पावर पोर्टल की दैनिक कोयला रिपोर्ट के अनुसार एनसीपीसी(NCPC) के कई पावर स्टेशन पर कोयले की भारी कमी है। इस विषय में जानकारी देते हुए दिल्ली सरकार ने बताया कि दादरी-2 पावर प्लांट में कोयले का एक दिन का स्टॉक बचा है। ऊँचाहार पावर प्लांट में दो दिनों का स्टॉक बचा है। कहलगांव में साढ़े तीन दिनों का स्टॉक बचा है। फरक्का में 5 दिनों का स्टॉक बचा है और झज्जर (अरावली) में 7-8 दिनों का स्टॉक बचा है।

गौरतलब है कि एक और जहां बिजली आपूर्ति के लिए आवश्यक कोयले का संकट उत्पन्न हो गया है, वहीं दूसरी ओर दिल्ली समेत कई राज्यों में गर्मी की भयंकर मार पड़ रही है। मौसम विभाग का कहना है कि दिल्ली में पारा 46 डिग्री तक जा सकता है। तेजी से बढ़ते तापमान के बीच दिल्ली में मौसम विभाग ने गर्मी को लेकर अलर्ट भी जारी किया गया है।

अब ऐसी भयंकर गर्मी के बीच यदि दिल्ली में बिजली की आपूर्ति बाधित होती है तो इससे लोगों की परेशानी बेहद बढ़ जाएगी। स्कूल, अस्पताल वह दिल्ली में परिवहन का एक मुख्य जरिया बन चुकी दिल्ली मेट्रो भी इससे प्रभावित हुई तो दिल्ली वासियों की परेशानी कई गुना बढ़ सकती है।

इस इस तिथि को लेकर बृहस्पतिवार को दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने दिल्ली सचिवालय में एक आपातकालीन बैठक की। साथ ही केंद्र सरकार को पत्र लिखकर राजधानी दिल्ली को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों के लिए पर्याप्त कोयला देने के लिए केंद्र से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया।

कोयले की कमी से दिल्ली में बिजली का भयंकर संकट गहरा सकता है।(Wikimedia Commons)
कोयले की कमी से दिल्ली में बिजली का भयंकर संकट गहरा सकता है।(Wikimedia Commons)

ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि बिजली आपूर्ति करने वाले विभिन्न थर्मल स्टेशनों में इस समय कोयले की बहुत ज्यादा कमी है। नेशनल थर्मल पॉवर कॉरपोरशन (NTPC) के दादरी और झज्जर (अरावली), दोनों पॉवर प्लांट्स मुख्य रूप से दिल्ली में बिजली की आवश्यकता को पूरा करने के लिए स्थापित किए गए थे। लेकिन इन पॉवर प्लांट्स में कोयले का बेहद कम स्टॉक बचा है।

दिल्ली सरकार के मुताबिक दिल्ली में दादरी, ऊंचाहार, कहलगांव, फरक्का और झज्जर पावर प्लांट से प्रतिदिन 1751 मेगावाट बिजली की आपूर्ति होती है। दिल्ली को दादरी पावर स्टेशन से सबसे ज्यादा 728 मेगावाट, जबकि ऊंचाहार पावर स्टेशन से 100 मेगावाट बिजली की आपूर्ति होती है। ऐसे में इन दोनों पावर स्टेशन से विद्युत आपूर्ति बाधित होने से दिल्ली मेट्रो एवं अस्पताल समेत कई आवश्यक संस्थानों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति में दिक्कत आ सकती है।

दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि राजधानी के कुछ इलाकों में लोगों को बिजली के संकट का सामना न करना पड़े, इसके लिए दिल्ली सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और हरसंभव प्रयास कर रही है। वर्तमान में कोयले की कमी से जूझ रहे इन पॉवर स्टेशन के जरिए दिल्ली में 25 प्रतिशत से 30 प्रतिशत की बिजली की मांग को पूरा किया जा रहा है।

दिल्ली के कुछ हिस्सों में ब्लैक आउट से बचने के लिए और डीएमआरसी, अस्पतालों और आगामी गर्मी के मौसम में बिजली की निरंतर आपूर्ति के लिए इन पॉवर स्टेशनों की अहम भूमिका रहती है। ऐसे में दिल्ली को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों में कोयले की उचित व्यवस्था होती रहे, इसके लिए केंद्र सरकार से मामले में दखल देने की अपील की है। ताकि केंद्र सरकार पर्याप्त कोयले की आपूर्ति का प्रबंध करें और दिल्ली वालों को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति करने में कोई बाधा न आए।

आईएएनएस(DS)

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