न्यूज़ग्राम हिंदी: Hindenburg ने 24 जनवरी को जारी किए अपने 106 पन्ने की रिपोर्ट में जो सवाल पूछे उसका अदानी ग्रुप(Adani Group) पर बहुत बुरा असर पड़ा है। लगातार गिरते शेयर से अदानी ग्रुप भारी नुकसान में है। पिछले कुछ दिनों में अदानी को 72 बिलियन डॉलर्स(58000करोड़ रुपए) का नुकसान हुआ है।
आपको बता दें कि 24 जनवरी को हिंडेनबर्ग कंपनी द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट, अदानी ग्रुपः हाउ द वर्ल्ड्स थर्ड रिचेस्ट मैन इज़ पुलिंग द लार्जेस्ट कॉन इन कॉर्पोरेट हिस्ट्री' में अदानी के ऊपर जो आरोप लगे हैं उससे अदानी ग्रुप पर बहुत बुरा असर हुआ है। इस रिपोर्ट की प्रतिक्रिया में अदानी ग्रुप ने 413 पन्नों की सफाई भी दी है जिसमें कंपनी द्वारा लगाए गए सभी इल्जामों को गलत साबित किया गया है। स्वयं अदानी ने सभी आरोपों को नकारते हुए कहा है कि यह देश के विरोध में प्रोपेगेंडा फैलाया जा रहा है। इसमें लिखे गए सभी इल्ज़ाम बेबुनियाद और झूठे हैं। अदानी ने यह भी कहा कि कंपनी के लगाए आरोप के कारण जो शेयर में नुकसान आ रहे हैं उससे सीधा फायदा विदेशी कंपनियों को हो रहा है। यह सब भारत में विदेशी व्यापार फैलाने की साजिश है और राष्ट्रवाद के खिलाफ है।
पिछले मंगलवार से रिपोर्ट पेश होने के बाद अदानी के सभी कंपनियों के शेयर में भारी गिरावट देखने को मिली है। इसमें शामिल अदानी एंटरप्राइजेज, अंबुजा सीमेंट, अदानी टोटल गैस, अदानी ग्रीन एनर्जी और एनडीटीवी के शेयर्स में भी भारी गिरावट आई है। इसके चलते कंपनी को 58000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। कंपनी के इस हालत का असर बैंक ऑफ बड़ौदा और एलआईसी के शेयर पर भी देखने को मिला है। अदानी ग्रुप का एफपीओ भी जारी होचुका है जिससे वह 200 अरब रुपए जुटाने की कोशिश करेगी।
स्मार्टकर्मा कंपनी के विश्लेषक का कहना है कि अदानी द्वारा दी गई प्रतिक्रिया इस नुकसान को भरने के लिए काफी नहीं है। वहीं सोमवार को भी हिंडेनबर्ग अपने आरोपों पर कायम रही।