भारत के 5 सबसे युवा अरबपति: उनकी नेटवर्थ और बिजनेस कहानी

जानिए भारत के 5 सबसे युवा अरबपतियों की उम्र, उनकी कुल संपत्ति, और वह बिजनेस रणनीतियाँ जिन्होंने उन्हें कम उम्र में सफलता के शिखर तक पहुँचाया।
भारत के 5 सबसे युवा अरबपतियों में से चार लोग खड़े नजर आ रहे हैं, जिनकी उम्र, नेटवर्थ और बिजनेस सफलता प्रेरक हैं।
भारत के 5 सबसे युवा अरबपति: उम्र, नेटवर्थ और उनके बिजनेस रणनीतियाँ जो उन्हें सफलता के शिखर तक ले गईं।Instagram
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सारांश

.टॉप युवा अरबपति और उनकी नेटवर्थ - भारत के सबसे अमीर युवा कौन हैं।

.कम उम्र में सफलता की कहानी - उनके संघर्ष और शुरुआती अनुभव।

.बिजनेस और निवेश की रणनीतियाँ - करोड़ों कमाने के उनके तरीके।

.युवा उद्यमियों के लिए सीख - करियर और बिजनेस में अपनाने योग्य टिप्स

1. कैवल्य वोहरा (Kaivalya Vohra)

सिर्फ 22 साल की उम्र में उन्होंने अपनी मेहनत और दूरदर्शिता से वो मुकाम हासिल कर लिया, जो कई लोगों के लिए एक सपना होता है। उनकी नेटवर्थ (Net Worth) अब लगभग ₹4,480 करोड़ (≈ US$ 540 मिलियन) है, लेकिन यह सिर्फ पैसा नहीं, बल्कि युवा जोश, जुनून और निडर सोच का प्रतीक है।

उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक छोटे विचार से की — रोजमर्रा की चीज़ें मिनटों में ग्राहकों तक पहुँचाना। इसी सोच ने ज़ेप्टो को जन्म दिया, एक ऐसा क्विक‑कॉमर्स प्लेटफॉर्म जो तेज़ डिलीवरी और भरोसेमंद सेवा के लिए जाना जाता है। उनकी रणनीति साधारण नहीं थी; उन्होंने टेक्नोलॉजी (Technology) और लॉजिस्टिक्स (Logistics) पर पूरा ध्यान दिया और छोटे‑बड़े शहरों में तेजी से विस्तार किया, ताकि हर जगह उनके प्लेटफॉर्म (Platform) की सुविधा पहुँच सके।

कैवल्य वोहरा की टी-शर्ट पहने एक मुस्कुराता हुआ व्यक्ति खड़ा है। शर्ट पर लिखा है, "10 मिनट में किराने का सामान पहुँचाएँ।
कैवल्य वोहरा – ज़ेप्टो (Zepto) के युवा संस्थापक, जिन्होंने तेज़ डिलीवरी मॉडल से भारत के क्विक-कॉमर्स सेक्टर में क्रांति लाई।Instagram

उनकी सबसे बड़ी ताकत थी समझदारी और तेज़ निर्णय लेने की क्षमता। उन्होंने वेब (Web) और मोबाइल प्लेटफॉर्म (Mobile Platforms) का इस्तेमाल कर बढ़ती ऑनलाइन मांग को तुरंत कैप्चर किया, जिससे ग्राहकों को मिनटों में सेवा मिल सके। यह दिखाता है कि सिर्फ स्मार्ट आइडिया (Smart Idea) ही काफी नहीं, बल्कि उसे सही तरीके से लागू करना ही सफलता की कुंजी है।

सबसे प्रेरक हिस्सा यह है कि उन्होंने कम उम्र में अरबपति बनने का सपना सच कर दिखाया। उनकी कहानी यह साबित करती है कि अगर जुनून हो, सीखने की इच्छा हो और जोखिम लेने की हिम्मत हो, तो कोई भी उम्र आपको सफलता पाने से रोक नहीं सकती। यही वजह है कि उनके सफ़र ने युवा उद्यमियों (Young Entrepreneurs) के लिए मिसाल और प्रेरणा का काम किया है। भारत में युवा भी वैश्विक स्तर (Global Level) पर बड़ा प्रभाव बना सकते हैं।

2. आदित पलिचा (Aadit Palicha)

सिर्फ 23 साल की उम्र में आदित पलिचा (Aadit Palicha) ने अपने दूरदर्शी दृष्टिकोण और अडिग जोश से वह मुकाम हासिल कर लिया, जिसकी कल्पना भी बहुत कम लोग कर सकते हैं। उनकी नेटवर्थ अब लगभग ₹5,380 करोड़ है, और यह सिर्फ पैसों की संख्या नहीं, बल्कि युवा लीडरशिप, मेहनत और रणनीतिक सोच का प्रतीक है

आदित ने सह‑संस्थापक के रूप में ज़ेप्टो (Zepto) की शुरुआत की और इसे तेजी से स्केल‑अप किया, जिससे क्विक‑कॉमर्स की दुनिया में एक नया मानक स्थापित हुआ। उन्होंने न केवल निवेशकों को आकर्षित कर फंडिंग हासिल की, बल्कि अपने उपभोक्ता‑उन्मुख मॉडल के जरिए हर छोटी और बड़ी जरूरत को “सूक्ष्म क्षणों” में पूरा करने पर ध्यान दिया, जिससे ग्राहकों के अनुभव में नई क्रांति आई। उनकी कहानी यह दिखाती है कि कम उम्र में भी बड़े विचारों को साकार किया जा सकता है, बशर्ते जुनून हो, सीखने की इच्छा हो और जोखिम लेने की हिम्मत हो।

आदित पलीचा, 23 वर्षीय Zepto के सह-संस्थापक, जो क्विक-कॉमर्स में नवाचार के जरिए भारत की डिलीवरी क्रांति का नेतृत्व कर रहे हैं।
23 वर्षीय आदित पलीचा - ज़ेप्टो (Zepto) के सह-संस्थापक, जो क्विक-कॉमर्स में नवाचार से भारत की डिलीवरी क्रांति का नेतृत्व कर रहे हैं।Instagram

जिन्होंने कम उम्र में ही भारत के क्विक-कॉमर्स सेक्टर (Quick-Commerce Sector) में क्रांति ला दी। उन्होंने तकनीक, डेटा एनालिटिक्स और नवाचार को मिलाकर उपभोक्ताओं के अनुभव को नया रूप दिया। बड़ा योगदान रहा है।

आदित की तेज़ सोच और नेतृत्व ने ज़ेप्टो (Zepto) की ग्रोथ में अहम भूमिका निभाई और वह युवा उद्यमियों के लिए प्रेरणा और मिसाल बन गए हैं।

3.रोहन गुप्ता (Rohan Gupta)

सिर्फ 26 साल की उम्र में रोहन गुप्ता (Rohan Gupta) और उनके परिवार ने फाइनेंस सेक्टर (Finance Sector) में अपनी छाप छोड़ दी। उनकी नेटवर्थ अब लगभग ₹1,140 करोड़ है, लेकिन यह सिर्फ धन का प्रतीक नहीं, बल्कि युवा सोच, मेहनत और जोखिम लेने की हिम्मत का उदाहरण है। उन्होंने एसजी फिनसर्व (SG Finserve) की स्थापना कर छोटे और मध्यम उद्यमों (SMEs) के लिए फाइनेंसिंग समाधान पेश किए, जिससे व्यवसायों को अपने वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिली।

उन्होंने सप्लाई‑चेन फाइनेंसिंग पर ध्यान केंद्रित किया और डिजिटल प्लेटफॉर्म (Digital Platform) का इस्तेमाल कर पारंपरिक वित्तीय मॉडल को बदलने की कोशिश की, जिससे फाइनेंसिंग अब तेज़, आसान और भरोसेमंद हो गई।

रोहन गुप्ता, (एसजी फिनसर्व SG Finserve) संस्थापक, फिनटेक व सप्लाई-चेन फाइनेंस विशेषज्ञ।
26 वर्षीय रोहन गुप्ता- एसजी फिनसर्व (SG Finserve) के संस्थापक, जो डिजिटल सप्लाई-चेन फाइनेंसिंग से भारत के (SME) सेक्टर को नई दिशा दे रहे हैं।Instagram

उन्होंने छोटे और मध्यम कारोबारों के लिए डिजिटल फाइनेंसिंग सॉल्यूशन्स (Digital Financing Solutions) विकसित किए हैं, जिससे व्यापारों को समय पर पूंजी मिल सके। एसजी फिनसर्व (SG Finserve) ने टेक्नोलॉजी और डेटा-ड्रिवन एनालिटिक्स (Data-Driven Analytics) का उपयोग कर पारंपरिक बैंकिंग प्रक्रियाओं को सरल बनाया है।

रोहन और उनके परिवार की कहानी यह दिखाती है कि अगर युवा सोच, तकनीक का समझदारी से इस्तेमाल और दृढ़ संकल्प हो, तो किसी भी सेक्टर में नए रास्ते खोले जा सकते हैं। उन्होंने फाइनेंस (Finance) की दुनिया में एक नया ट्रैक तय किया और युवा उद्यमियों (Young Entrepreneurs) के लिए प्रेरणा और मिसाल बनकर उभरे।

4. शाश्वत नकरानी (Shashvat Nakrani)

सिर्फ 27 साल की उम्र में शश्वत नकरानी (Shashvat Nakrani) ने डिजिटल पेमेंट्स (Digital Payments) की दुनिया में अपनी पहचान बना ली। उनकी नेटवर्थ अब लगभग ₹1,340 करोड़ है, जो यह दर्शाता है कि समय पर सोच, जोखिम और साहस कितनी बड़ी सफलता ला सकते हैं। उन्होंने भारतपे (BharatPe) के माध्यम से डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म में जल्दी प्रवेश किया और छोटे व्यवसायों को अपनाया, उन्हें पीओएस (POS) और क्यू आर कोड (QR Code) समाधान देकर उनके कारोबार को डिजिटल दुनिया से जोड़ने में मदद की।

शश्वत ने फिनटेक के नए युग में बड़े नेटवर्क (Network) और वॉल्यूम (Volume) पर भरोसा किया, जिससे कंपनी की ग्रोथ तेज़ और स्थायी बनी। उनकी कहानी यह दिखाती है कि अगर युवा सोच, तकनीक का समझदारी से इस्तेमाल और आगे बढ़ने का हौसला हो, तो किसी भी बढ़ते सेक्टर में सफलता हासिल की जा सकती है।

शश्वत नक्रानी चश्मा और गहरे नीले रंग की पोलो शर्ट पहने एक मुस्कुराता हुआ|
27 वर्षीय शश्वत नक्रानी -भारतपे (BharatPe) के सह-संस्थापक, जिन्होंने छोटे व्यापारियों के लिए डिजिटल पेमेंट्स को सरल और सुलभ बनाया।Instagram

उन्होंने ऐसे समय में उद्यम शुरू किया जब डिजिटल ट्रांज़ैक्शन (Digital Transactions) भारत में तेजी से बढ़ रहे थे। कंपनी का बिजनेस मॉडल (Business Model) सरल, सुलभ और व्यापारी-केंद्रित रहा, जिससे लाखों छोटे व्यवसाय डिजिटल अर्थव्यवस्था (Digital Economy) से जुड़ पाए अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।

शश्वत नकरानी ने फिनटेक की नई लहर में समय रहते कदम रखा और अपने साहस और दूरदर्शिता से युवा उद्यमियों के लिए प्रेरणा और मिसाल बनकर उभरे।

5. Trishneet Arora (30 वर्ष)

सिर्फ 30 साल की उम्र में त्रिश्नीत अरोड़ा (Trishneet Arora) ने साइबर‑सिक्योरिटी (Cyber-Security) की दुनिया में अपनी पहचान बना ली। उनकी नेटवर्थ अब लगभग ₹1,820 करोड़ है, और यह साबित करता है कि सही समय पर साहसिक कदम और दूरदर्शिता कितनी बड़ी सफलता ला सकते हैं। उन्होंने (TAC Security) की स्थापना की और उस समय साइबर जगत में कदम रखा जब यह तेजी से विकसित हो रहा था।

त्रिश्नीत ने हाई‑टेक सर्विसेज (Hi-Tech Technology) और सुरक्षा समाधान छोटे और बड़े दोनों प्रकार के ग्राहकों को प्रदान किए, और वैश्विक साइबर (Global Cyber) खतरों को ध्यान में रखकर घरेलू बाजार में अवसर को भुनाया। उनका सफर यह दिखाता है कि टेक्नोलॉजी (Technology) और सुरक्षा का सही मिश्रण अपनाकर, नया अवसर चुनकर भी सफलता हासिल की जा सकती है।

त्रिशनीत अरोड़ा सूट पहने एक व्यक्ति नीले रंग की पृष्ठभूमि के सामने हाथों को क्रॉस करके मुस्कुरा रहा है|
30 वर्षीय त्रिशनीत अरोड़ा-TAC Security के संस्थापक, जो साइबर-सिक्योरिटी में भारत को वैश्विक पहचान दिला रहे हैं।Instagram

टीएसी सिक्योरिटी (TAC Security) आज कई बड़े कॉर्पोरेट्स (Corporates), सरकारी एजेंसियों (Government Agencies) और अंतरराष्ट्रीय संगठनों (Overseas Jobs) को सुरक्षा समाधान प्रदान करती है। कंपनी की विशेषता है एथिकल हैकिंग, थ्रेट इंटेलिजेंस और वल्नरेबिलिटी मैनेजमेंट में विशेषज्ञता।उनकी सफलता दर्शाती है कि सही दृष्टिकोण, तकनीकी कौशल और नवाचार (Innovation) से कोई भी वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना सकता है।

त्रिश्नीत अरोड़ा (Trishneet Arora) की कहानी युवा उद्यमियों के लिए प्रेरणा है कि अगर साहस और ज्ञान साथ हों, तो कोई भी क्षेत्र चुनौतीपूर्ण होते हुए भी सफलता का रास्ता बन सकता है।

निष्कर्ष: (Conclusion)

इन सभी युवा उद्यमियों (Young Entrepreneurs) की कहानी हमें यह सिखाती है कि उम्र सिर्फ एक संख्या है, और जुनून, साहस और दूरदर्शिता किसी भी चुनौती को पार कर सकती है। चाहे वह तेज़ डिलीवरी का मॉडल हो, फिनटेक और डिजिटल पेमेंट्स की दुनिया, छोटे व्यवसायों की मदद करने वाली फाइनेंसिंग (Financing), या साइबर‑सिक्योरिटी (Cyber‑Security) जैसे नए और चुनौतीपूर्ण क्षेत्र — इन युवा लीडर्स ने अपने समय पर सही अवसर पहचाना, जोखिम लिया और उसे हकीकत में बदला। उन्होंने दिखाया कि सिर्फ आइडिया ही काफी नहीं, बल्कि उसे स्मार्ट रणनीति (Strategy), टेक्नोलॉजी (Technology) और ग्राहकों के अनुभव पर ध्यान देकर लागू करना ही सफलता की कुंजी है। इनकी कहानियाँ न केवल आर्थिक सफलता की मिसाल हैं, बल्कि यह युवा उद्यमियों के लिए प्रेरणा, उत्साह और विश्वास का स्रोत भी हैं कि अगर सोच बड़ी हो, मेहनत निडर हो और दृष्टि स्पष्ट हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। हर एक कहानी यह साबित करती है कि जुनून, ज्ञान और समय पर कदम उठाने की हिम्मत किसी भी सेक्टर (Sector) में परिवर्तन और सफलता ला सकती है।

[AK]

भारत के 5 सबसे युवा अरबपतियों में से चार लोग खड़े नजर आ रहे हैं, जिनकी उम्र, नेटवर्थ और बिजनेस सफलता प्रेरक हैं।
आजाद भारत का पहला अरबपति अपने कंजूस हरकतों के लिए था बदनाम

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