भारत और गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (जीसीसी) ने शुक्रवार को मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) वार्ता की औपचारिक बहाली के लिए कानूनी और तकनीकी आवश्यकताओं में तेजी लाने का फैसला किया। एफटीए (FTA) की परिकल्पना माल और सेवाओं के पर्याप्त कवरेज के साथ एक आधुनिक, व्यापक समझौते के रूप में की गई है।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) और जीसीसी के महासचिव नायेफ फलाह एम. अल-हजरफ द्वारा आयोजित एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की गई।
दोनों पक्षों ने इस बात पर जोर दिया कि एफटीए नई नौकरियों का सृजन करेगा, जीवन स्तर को ऊपर उठाएगा और भारत (India) और सभी जीसीसी देशों में व्यापक सामाजिक और आर्थिक अवसर प्रदान करेगा।
जीसीसी वर्तमान में 2021-22 में द्विपक्षीय व्यापार के साथ भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार ब्लॉक है, जिसका मूल्य 154 अरब डॉलर से अधिक है। इसमें लगभग 44 अरब डॉलर का निर्यात और लगभग 110 अरब डॉलर का आयात (33.8 अरब डॉलर का गैर-तेल निर्यात और 37.2 अरब डॉलर का गैर-तेल आयात) शामिल है।
2021-22 में भारत और जीसीसी के बीच सेवाओं में द्विपक्षीय व्यापार का मूल्य लगभग 14 अरब डॉलर था, जिसमें निर्यात का मूल्य 5.5 अरब डॉलर और आयात का मूल्य 8.3 अरब डॉलर था।
जीसीसी देश भारत के तेल आयात में लगभग 35 प्रतिशत और गैस आयात में 70 प्रतिशत का योगदान करते हैं।
2021-22 में जीसीसी से भारत का कुल कच्चे तेल का आयात लगभग 48 अरब डॉलर था, जबकि 2021-22 में एलएनजी और एलपीजी का आयात लगभग 21 अरब डॉलर था। भारत में जीसीसी से निवेश का मूल्य वर्तमान में 18 अरब डॉलर से अधिक है।
आईएएनएस/RS