सरकार को लिखे गए पत्र को जनता के लिए जारी किया जाएगा: आरबीआई गवर्नर शकीकांत दास

पत्र को सार्वजनिक नहीं करने से पारदर्शिता से समझौता नहीं होता: आरबीआई गवर्नर शकीकांत दास
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शकीकांत दास
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शकीकांत दासWikimedia

बुधवार को मुंबई (Mumbai) में बैंकिंग उद्योग के आयोजन में पारदर्शिता की कमी से जुड़ी चिंताओं को दूर करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के गवर्नर शकीकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा कि सरकार को लिखे गए पत्र को जनता के लिए जारी किया जाएगा किन्तु अभी नहीं। दास ने कहा कि पत्र को सार्वजनिक नहीं करने से पारदर्शिता से समझौता नहीं होता है और कानून में कुछ भी उन्हें सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच विशेषाधिकार प्राप्त संचार साझा करने का अधिकार, विशेषाधिकार और विलासिता नहीं देता है।


उन्होंने कहा, 'इस बारे में काफ़ी चर्चा हो रही है कि आरबीआई (RBI) सरकार को अपना पत्र सार्वजनिक रूप से क्यों नहीं जारी कर रहा है। बैठक का एमपीसी (MPC) मिनट्स व्यापक अर्थव्यवस्था के लिए है। दास ने एफआईबीएसी 2022 में कहा, "पत्र किसी बिंदु पर जनता के लिए उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा, 'मैं सुनिश्चित करता हूं कि पारदर्शिता से समझौता नहीं किया जा रहा है। हालांकि दास ने कहा कि रिजर्व बैंक नीति निर्धारण समिति की विशेष बैठक का ब्योरा तत्काल जारी नहीं करेगा।


दास ने बताया भारत (India) में खुदरा मुद्रास्फीति (retail inflation) पिछले नौ महीनों से छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है और नियमों के अनुसार केंद्रीय बैंक को सरकार को एक रिपोर्ट भेजकर यह बताना होगा कि मुद्रास्फीति 2-6 प्रतिशत की सहिष्णुता सीमा को क्यों पार कर गई और आरबीआई इसे लक्ष्य दायरे में लाने के लिए क्या कर रहा है।

उन्होंने कहा, 'हमारी रिकवरी और ग्रोथ ज्यादा ब्रॉड बेस्ड है। हमारी राजकोषीय और मौद्रिक नीतियां संतुलित और सामयिक रही हैं। दास ने कहा, 'आरबीआई ने अर्थव्यवस्था में गिरावट को रोका है। दास ने बैंकर्स के सालाना एफआईबीएसी सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, 'हमने दरों को कम रखकर अर्थव्यवस्था के पूरी तरह से पतन को रोका और समय से पहले सख्ती से दूर रहे।

भारतीय रिजर्व बैंक
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रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 3 नवंबर को बैठक होने वाली है जिसमें आरबीआई द्वारा सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट पर चर्चा की जाएगी।


दास ने कहा कि भारत मुद्रास्फीति के लक्ष्य से चूक गया क्योंकि यूक्रेन में युद्ध ने अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में सामानों  की कीमतें बढ़ी है और आपूर्ति बाधित हुई है।

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शकीकांत दास
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डिजिटल मुद्रा (Digital Currency) की शुरुआत पर बोलते हुए, दास ने कहा कि सीबीडीसी (CBDC) परियोजना पैसे के इतिहास में एक ऐतिहासिक घटना होगी । इससे लेनदेन के तरीके में बड़ा बदलाव आएगा। हमारा प्रयास सीबीडीसी को पूर्ण तरीके से शुरू करना है। मैं कोई लक्षित तारीख नहीं बताना चाहता कि इसे कब तक पूरे पैमाने पर शुरू किया जाएगा।


रुपये के अवमूल्यन पर छिड़ी बहस के बीच दास ने सभी से स्थिति को भावनात्मक तरीके से नहीं देखने को कहा और कहा कि घरेलू मुद्रा ने व्यवस्थित तरीके से व्यवहार किया है।


अमेरिका में मौद्रिक नीति की घोषणा की समीक्षा से कुछ घंटे पहले दास ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व अंतहीन रूप से सख्त नहीं हो सकता और पूंजी प्रवाह अंतत: बहाल हो जाएगा।


RS

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