भारत देश से वस्तुओं का निर्यात 1.06 फीसदी बढ़ा, नये वित्त वर्ष की शुरुआत के मिले अच्छे संकेत

सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल महीने में आयात भी बढ़कर 54.09 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो पिछले साल अप्रैल में 49.06 अरब डॉलर पर था। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने संवाददाताओं को बताया कि इन आंकड़ों से नये वित्त वर्ष की शुरुआत अच्छा होने का संकेत मिलता है
Make in India : साल 2022-23 में भारत ने 776.4 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य पूरा किया था। (Wikimedia Commons)
Make in India : साल 2022-23 में भारत ने 776.4 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य पूरा किया था। (Wikimedia Commons)

Make in India: इस साल अप्रैल में देश से वस्तुओं का निर्यात 1.06 फीसदी बढ़कर 34.99 अरब डॉलर हो गया। एक साल पहले की बात की जाए तो यह 34.62 अरब डॉलर था। सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल महीने में आयात भी बढ़कर 54.09 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो पिछले साल अप्रैल में 49.06 अरब डॉलर पर था। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने संवाददाताओं को बताया कि इन आंकड़ों से नये वित्त वर्ष की शुरुआत अच्छा होने का संकेत मिलता है और इसके आगे भी बने रहने की उम्मीद है।

सोने का आयात हुआ तिगुना

सोने का आयात समीक्षाधीन अवधि में तिगना बढ़कर 3.11 अरब डॉलर का हो गया। एक साल पहले समान अवधि में यह 1.01 अरब डॉलर था। मार्च 2024 में भारत ने 1.53 अरब डॉलर के सोने का आयात किया था। मंत्रालय ने 2023-24 के लिए कुल निर्यात के अनुमान को 776.7 अरब डॉलर से बढ़ाकर 778.2 अरब डॉलर कर दिया था।

इस साल अप्रैल में देश से वस्तुओं का निर्यात 1.06 फीसदी बढ़कर 34.99 अरब डॉलर हो गया। (Wikimedia Commons)
इस साल अप्रैल में देश से वस्तुओं का निर्यात 1.06 फीसदी बढ़कर 34.99 अरब डॉलर हो गया। (Wikimedia Commons)

साल 2022-23 में भारत ने 776.4 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य पूरा किया था। वित्त वर्ष 2023-24 में सर्विस सेक्टर ने 341.1 अरब डॉलर का निर्यात किया, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में यह 325.3 अरब डॉलर था। 2023-24 में वस्तु निर्यात 437.1 अरब डॉलर रहा जो उससे पिछले वित्त वर्ष के 451 अरब डॉलर के निर्यात से 3.1 फीसदी कम है।

गोल्ड की कीमतें बढ़ी

बकौल बर्थवाल, “अधिकांश केंद्रीय बैंक तनाव की वजह से गोल्ड खरीद रहे हैं। गोल्ड की कीमतें बढ़ी हैं इसलिए वैल्यू की टर्म में देखें तो उनका आयात बहुत ज्यादा दिख रहा है।” आपको बता दें कि तनावपूर्ण वैश्विक परिस्थितियों के कारण दुनियाभर के बैंक बैकअप के तौर पर गोल्ड खरीद रहे हैं। ऐसा संभव है कि भारत भी ऐसा ही कर रहा हो। गोल्ड को संकट के समय में करेंसी के सपोर्ट की तरह देखा जाता है।

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