न्यूज़ग्राम हिंदी: भारत में स्मार्टफोन की शिपमेंट साल 2022 में घटकर 151.6 मिलियन यूनिट रह गई, जो साल 2021 की तुलना में छह फीसदी कम है। एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। कैनालिस की एक रिपोर्ट के अनुसार, पूरे साल शाओमी नंबर वन वेंडर रहा। सैमसंग(Samsung) ने 2017 की तीसरी तिमाही के बाद पहली बार चौथी तिमाही में नंबर एक स्थान प्राप्त किया, 21 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के लिए 6.7 मिलियन यूनिट की शिपिंग की।
दूसरा स्थान वीवो(Vivo) को मिला, जिसने मुख्य रूप से ऑफलाइन चैनलों के माध्यम से 6.4 मिलियन यूनिट्स की शिपिंग की।
कैनालिस के एक विश्लेषक संयम चौरसिया ने कहा, भारत अन्य बाजारों की तुलना में वैश्विक मंदी का सामना करने के लिए बेहतर स्थिति में है। लेकिन घरेलू उपभोक्ता खर्च 2022 के आखिरी कुछ महीनों में सुस्त पड़ गया।
त्योहारी सीजन के दौरान भी घरेलू बाजार में लेनदेन, खुदरा खर्च और इलेक्ट्रॉनिक आयात में गिरावट का सामना करना पड़ा।
चौरसिया ने कहा, 2022 में, उपभोक्ताओं के पास पहले से ही अप-टू-डेट टेक्नोलॉजी थी, जो उन्होंने महामारी के दौरान खरीदी थी, जिससे आगे की खरीदारी में देरी हुई। इसके कारण स्मार्टफोन ब्रांड इन्वेंट्री प्रबंधन से जूझ रहे थे क्योंकि मांग कम थी।
भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2022 के अंत तक वैश्विक आर्थिक मंदी के प्रभाव को महसूस करना शुरू कर दिया था।
चौरसिया ने कहा, हम आर्थिक संकेतकों के साथ 2023 में प्रवेश कर रहे हैं, जो अल्पावधि में सुस्त प्रदर्शन का संकेत दे रहे हैं।
2024 में भारत में आम चुनाव है और सरकार की रणनीति उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति को बढ़ावा देने की होगी, भले ही मुद्रास्फीति अधिक बनी रहे।
कैनालिस ने कहा, हम 2023 में भारतीय स्मार्टफोन बाजार में मध्यम वृद्धि की उम्मीद करते हैं, जो 5जी उपकरणों, राज्य सरकार के सौदों, स्मार्टफोन की पैठ और नए उपयोग के मामलों की शुरूआत से प्रेरित है।
--आईएएनएस/VS